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Wednesday, July 23, 2025
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उत्तराखंड में कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए PHDCCI द्वारा देहरादून में Agro Export Conclave 2025 का आयोजन

देहरादून: शुक्रवार को PHD चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (PHDCCI) ने NABARD और APEDA के सहयोग से Agro Export Conclave 2025 का सफल आयोजन होटल मधुबन, देहरादून में किया। इस कॉन्क्लेव का उद्देश्य उत्तराखंड से कृषि उत्पादों के निर्यात को प्रोत्साहित करना और सरकार, उद्योग तथा शिक्षा जगत के बीच समन्वय बनाना था।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री गणेश जोशी जी, माननीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री, उत्तराखंड सरकार थे। उन्होंने दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया, जिसके बाद राष्ट्रगान हुआ।

प्रारंभिक सत्र की शुरुआत PHDCCI के क्षेत्रीय निदेशक श्री अतुल श्रीवास्तव के स्वागत भाषण से हुई। इसके बाद श्री हेमंत कोचर, चेयरमैन, उत्तराखंड स्टेट चैप्टर, PHDCCI ने थीम एड्रेस दिया, जिसमें उन्होंने कृषि निर्यात के क्षेत्र में उत्तराखंड की संभावनाओं पर प्रकाश डाला।

प्रमुख अतिथियों में शामिल रहे:

श्री सौरभ तिवारी, निदेशक, भारतीय मानक ब्यूरो (BIS), देहरादून

डॉ. सी बी सिंह, क्षेत्रीय प्रमुख, APEDA

श्री पंकज यादव, मुख्य महाप्रबंधक, NABARD

मुख्य भाषण मंत्री गणेश जोशी द्वारा दिया गया, जिसमें उन्होंने राज्य सरकार की कृषि आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने, बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और किसानों को वैश्विक बाजारों से जोड़ने की प्रतिबद्धता दोहराई।

तकनीकी सत्र में विभिन्न विशेषज्ञों द्वारा विचार साझा किए गए, जिनमें शामिल थे-

श्री अनुज भसीन, ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट कमिश्नर, हाई कमिशन ऑफ कनाडा

श्री कैलाश चंद्र भट्ट (हाउस ऑफ हिमालयाज),

श्री सौरभ चौरेसिया (BIS),

डॉ. संजय अग्रवाल (डॉल्फिन पीजी इंस्टीट्यूट)

इसके अलावा NABARD और APEDA के प्रतिनिधियों ने संस्थागत सहयोग और निर्यात सुविधाओं पर विशेष चर्चा की।

कार्यक्रम का समापन अतुल श्रीवास्तव के धन्यवाद ज्ञापन और समापन वक्तव्य के साथ हुआ। उन्होंने सभी गणमान्य अतिथियों, प्रतिभागियों और भागीदारों का आभार व्यक्त किया और उत्तराखंड को एक सशक्त कृषि निर्यात हब के रूप में स्थापित करने के लिए निरंतर सहयोग का आग्रह किया।

यह कॉन्क्लेव नीति निर्माताओं, निर्यातकों, किसान उत्पादक संगठनों (FPOs), कृषि उद्यमियों और शिक्षाविदों को एक मंच पर लाने का सफल प्रयास था, जिससे राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था को नया मार्गदर्शन मिल सके।

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