प्रकाश जुयाल जी ने uk24x7news को इंटरव्यू देते हुए कहा अनुकृति जी एक सेलिब्रिटी हैं| वो उत्तराखंड से ही है वो बाहर रहीं हैं हो सकता है उन्हें उतना ज्ञान ना हो और मैं ये भी नहीं कह सकता की वो कल को क्या करेंगी क्या नहीं | लेकिन मैं कांग्रेस को जरूर कहूँगा जो वहा इतने जुझारू लोग है | जो इतने सालों से संघर्ष कर रहे हैं जिन्होंने कांग्रेस को इतना जनाधार बनाया उनकी अचानक उपेक्षा करना ये न्याय नहीं है, और हरक सिंह रावत जी ने जिस तरीके से उनके लिए पार्टी छोड़ी अगर हरक सिंह रावत जी इस बात के लिए इस्तीफा देते की मेरे क्षेत्र का विकास नहीं होरा, रोड नही बना पाया, तब हम कुछ फेसला लेते लेकिन मेरी बहू को टिकट दो इस बात की तो निंदा करनी चाहिए, और आज के समय में कॉंग्रेस हो या भारतीय जनता पार्टी दोनों ही एक है, दोनों की ही कोई नीति नहीं है कोई सिद्धांत नही है इनको बाहुबली लोग चाहिए| और अगर देखो तो इनके जो फॉलोवेरस उनके लिए धर्मसंकट हो रखा है वो बेचारे तो कह रहे हैं मैं कांग्रेसी हू मैं भाजपाई हू और उनके नेताओं का कोई चरित्र ही नही हैं कभी कांग्रेस में तो कभी बीजेपी में मैं वोटरस से जरूर कहूँगा की ऐसे लोगों की पहचान करना सीखिये और उन लोगों को जरूर आगे बढ़ाए जो आपके लिए संघर्ष कर रहे हैं जिन्होंने राज्य बनाया है जिनको पूरे उत्तराखंड की सामाजिक, सांस्कृतिक जानकारी हैं और जो वास्तविक में राज्योंधारण को धरा पर उतार सकते हो उनकों पहचाने और नेतृत्व उन लोगों को सौंपे को आपके लिए त्याग कर सकते हैं |
मॉडलिंग की चमकदमक भरी जिंदगी को छोड़कर पूर्व मिस इंडिया अनुकृति अब सियासी रैंप पर नजर आने जा रही हैं। शुक्रवार को कांग्रेस का दामन थामने के साथ ही गुसाईं ने इसके मजबूत संकेत भी दे दिए। अनुकृति ने न सिर्फ कांग्रेस ज्वाइन ही नहीं की है, बल्कि उनकी लैंसडाउन विधानसभा सीट से मजबूत दावेदारी भी है। वे 2018 से ही लैंसडौन विधानसभा सीट पर काम कर रही हैं। सियासत के लिए उन्होंने ग्लैमर से भरी मॉडलिंग की दुनिया को बीच में ही छोड़ दिया है।अब वे मॉडलिंग की दुनिया की बजाय सियासत में अपनी जगह बनाने उतरी हैं। उन्हें ससुर पूर्व कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत का पूरा सहयोग मिल रहा है। अनुकृति को राजनीति में स्थापित करने को ससुर हरक ने भाजपा पर भी पुरजोर दबाव बनाया। भाजपा में बात न बनने पर हरक ने कांग्रेस का दरवाजा भी खटखटाया। भाजपा से बर्खास्त होने के बाद छह दिन उन्होंने इंतजार भी किया। ये इंतजार शुक्रवार को जाकर समाप्त हुआ।