
देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सत्ता संभालते ही यूनिफार्म सिविल कोड का सुर छेड़ दिया है। गुरुवार को हुई पहली कैबिनेट बैठक में धामी सरकार ने इस मामले में पहला कदम उठा दिया है। सीएम धामी ने कहा कि हम राज्य में यूनिफार्म सिविल कोड लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। सरकार एक कमेटी का गठन करेगी, जो प्रदेश में यूनिफॉर्म सिविल कोड लेकर ड्राफ्ट तैयार करेगी।
बता दे कि बीजेपी ने सबसे पहले 1989 के लोकसभा चुनाव में अपने घोषणापत्र में समान नागरिक संहिता का मुद्दा शामिल किया था। 2019 के लोकसभा चुनाव के घोषणापत्र में भी बीजेपी ने समान नागरिक संहिता को शामिल किया था। आइए जानते हैं क्या होता यूनिफार्म सिविल कोड।
क्या है यूनिफॉर्म सिविल कोड–यूनिफार्म सिविल कोड (समान नागरिक संहिता) का अर्थ होता है भारत में रहने वाले हर नागरिक के लिए एक समान कानून। चाहे व्यक्ति किसी भी धर्म या जाति का क्यों न हो। समान नागरिक संहिता में शादी, तलाक और जमीन जायदाद के बंटवारे में सभी धर्मों के लिए एक कानून लागू होगा। यह एक पंथ निरपेक्षता कानून जो सभी के लिए समान रूप से लागू होता है। यही यूनिफॉर्म सिविल कोड कहा जाता हैं
- बागेश्वर: सामा-मुनस्यारी मार्ग पर भालू के हमले में युवक की मौत, SDRF ने बरामद किया शव
- तेजस्विनी ट्रस्ट की महिलाओं ने ‘ग्रामीण हीरो’ प्रतियोगिता में दिखाई काबिलियत, 4 उद्यमियों को मिली सीड फंडिंग
- उत्तराखंड की वीरभूमि में दी गई अमर शहीदों को श्रद्धांजलि, परिजनों को किया सम्मानित
- अतुल मलिकराम को यूट्यूब से मिला ‘अनोखे इलाज’: पेट दर्द से राहत का व्यंगात्मक किस्सा
- चमोली पंचायत चुनाव को लेकर निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान के लिए एसपी ने की समीक्षा बैठक