Employee Provident Fund (PF): पीएफ यानी कि प्रोविडेंट फंड, हिंदी में कहें तो भविष्य निधि, नाम से साफ है कि पीएफ (PF) आपके भविष्य को संवारने का काम करता है। भविष्य की निधि (फंड) तैयार करने में मदद करता है। ऐसा भी नहीं है कि इसके लिए आपको बहुत बड़ी रकम की जरूरत है। कम राशि से भी बड़ा फंड तैयार हो जाता है। यह फंड आपको तब काम दे सकता है जब आप रिटायर होते हैं।
हालांकि बीच में भी पीएफ की सेवा ले सकते हैं, लेकिन बड़ा फंड तैयार करने में इससे अड़चन आएगी। इसलिए, बुढ़ापे के दिन संवारने हैं तो आज से और अभी से पीएफ में निवेश शुरू कर दें। इसके लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन सैलरी क्लास लोगों को मौका देता है। पैसा इकट्ठा करने का बड़ा अवसर देता है। यही वजह है कि सैलरी पाने वालों का सबसे अच्छा ठिकाना ईपीएफ को माना जाता है।
Employee Provident Fund (PF) पीएफ में न केवल पैसे जमा होते हैं बल्कि टैक्स छूट का भी भरपूर लाभ मिलता है। आप पीएफ में जो भी रकम जमा करते हैं, उस पर एक वित्त वर्ष में 1.5 लाख रुपये की टैक्स छूट ली जा सकती है। इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत इसका प्रावधान बनाया गया है। अगर 5 साल लगातार नौकरी पूरी हो जाए तो पीएफ के मैच्योरिटी अमाउंट पर भी टैक्स छूट दी जाती है। अब आइए जानते हैं कि कोई व्यक्ति पीएफ में निवेश कर करोड़पति कैसे बन सकता है।
21 साल का कोई शख्स जिसकी बैसिक सैलरी और महंगाई भत्ता 25,000 रुपये है, वह ईपीएफ में नियमित निवेश कर रिटायरमेंट के वक्त 1 करोड़ रुपये से अधिक जोड़ सकता है। ईपीएफओ के मौजूदा नियम के मुताबिक, कर्मचारी और कंपनी को हर महीने पीएफ खाते में 12-12 परसेंट पैसा जमा करना होता है। यह रकम बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते के हिसाब से तय होती है। हर महीने जमा हुई इस रकम को रिटायरमेंट के बाद निकाल सकते हैं। विपरीत परिस्थितियों में कुछ पहले भी पैसे निकाल सकते हैं।
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ईपीएफ में निवेश की गणना मुख्य तौर पर तीन बातों पर निर्भर करती है। बेसिक सैलरी, डीए और पीएफ की ब्याज दर इसमें शामिल है। ईपीएफ की ब्याज दर को समय-समय पर सरकार संशोधित करती है। इस बार यह दर 8.1 परसेंट है जबकि पहले 8.5 परसेंट है। ब्याज घटने के बावजूद ईपीएफ आपको कम समय में और कुछ हजार रुपये के निवेश पर करोड़पति बना सकता है। बस जरूरत होती है कम समय में निवेश शुरू करने की।
पीएफ के मद में कंपनी के 12 परसेंट हिस्से में 8.33 परसेंट इंप्लॉयी पेंशन स्कीम यानी कि ईपीएस में जाता है और बाकी 3.67 परसेंट ईपीएफ में निवेश किया जाता है। सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए ईपीएफ की ब्याज दर 8.1 परसेंट निर्धारित की है। अगर आपकी बेसिक सैलरी 25,000 रुपये है और आप रिटायरमेंट से पहले पीएफ से पैसे नहीं निकालते हैं तो आराम से बाद में 1 करोड़ रुपये से अधिक की राशि प्राप्त कर लेंगे।
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