नाग पंचमी का पर्व बेहद कल्याणकारी माना जाता है। इस दिन नाग देवता की पूजा होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, नाग पंचमी का पर्व 9 अगस्त, 2024 दिन शुक्रवार यानी आज मनाया जा रहा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस तिथि पर भगवान शिव और नाग देवता की पूजा अवश्य करनी चाहिए। ऐसा करने से जीवन में शुभता का आगमन होता है। इसके साथ ही सभी मनोकामनाओं की पूर्ति होगी।
ऐसे में सुबह उठकर पवित्र स्नान करें। इसके बाद शिव मंदिर जाकर भगवान शिव को जल चढ़ाएं और विधिवत नाग देव की पूजा करें। उनके मंत्रों और स्तुति का पाठ करें। फिर आरती से पूजा का समापन करें। ऐसा करने से सुख और शांति की प्राप्ति होती है, तो चलिए यहां पढ़ते हैं –
।।नाग देवता मंत्र।।
अनन्तं वासुकिं शेषं पद्मनाभं च कम्बलम्।
शङ्ख पालं धृतराष्ट्रं तक्षकं कालियं तथा॥
एतानि नव नामानि नागानां च महात्मनाम्।
।।नाग देवता स्तुति।।
अगस्त्यश्च पुलस्त्यश्च वैशम्पायन एव च। सुमन्तुजैमिनिश्चैव पञ्चैते वज्रवारका: ॥1॥
मुने: कल्याणमित्रस्य जैमिनेश्चापि कीर्तनात्। विद्युदग्निभयं नास्ति लिखितं गृहमण्डल ॥2॥
अनन्तो वासुकि: पद्मो महापद्ममश्च तक्षक:। कुलीर: कर्कट: शङ्खश्चाष्टौ नागा: प्रकीर्तिता: ॥3॥
यत्राहिशायी भगवान् यत्रास्ते हरिरीश्वर:। भङ्गो भवति वज्रस्य तत्र शूलस्य का कथा ॥4॥
।।नाग देवता की आरती।।
श्रीनागदेव आरती पंचमी की कीजै ।
तन मन धन सब अर्पण कीजै ।
नेत्र लाल भिरकुटी विशाला ।
चले बिन पैर सुने बिन काना ।
उनको अपना सर्वस्व दीजे।।
पाताल लोक में तेरा वासा ।
शंकर विघन विनायक नासा ।
भगतों का सर्व कष्ट हर लिजै।।
शीश मणि मुख विषम ज्वाला ।
दुष्ट जनों का करे निवाला ।
भगत तेरो अमृत रस पिजे।।
वेद पुराण सब महिमा गावें ।
नारद शारद शीश निवावें ।
सावल सा से वर तुम दीजे।।
नोंवी के दिन ज्योत जगावे ।
खीर चूरमे का भोग लगावे ।
रामनिवास तन मन धन सब अर्पण कीजै ।
आरती श्री नागदेव जी कीजै ।।