
नई दिल्ली। क्रिप्टो (Crypto) या डिजिटल करेंसी (Digital Currency) को लेकर दुनियाभर में दीवानगी है और भारत में भी 1 अप्रैल से Indian Digital शुरू होने वाले अगले वित्त वर्ष में इसका देशी संस्करण पेश किया जाएगा, जो फिजिकल फॉर्म से प्रचलित मुद्रा के डिजिटल फॉर्म को प्रतिबिंबित करेगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा मंगलवार को संसद में पेश आम बजट के मुताबिक ‘डिजिटल रुपया’ नामक यह मुद्रा, रिजर्व बैंक द्वारा डिजिटल फॉर्म में जारी किया जाएगा और इसे फिजिकल करेंसी के साथ बदला जा सकेगा।
CBDC इस सेंट्रल बैंक की डिजिटल करेंसी (CBDC) को नियंत्रित करने वाले रेगुलेशन को अंतिम रूप दिया जाना बाकी है. सीबीडीटी एक डिजिटल या वर्चुअल करेंसी है, लेकिन इसकी तुलना प्राइवेट वर्चुअल करेंसी या क्रिप्टो करेंसी से नहीं की जा सकती है, जिनका चलन पिछले एक दशक में तेजी से बढ़ा है। निजी डिजिटल मुद्राएं किसी भी व्यक्ति की देनदारियों का प्रतिनिधित्व नहीं करती हैं, क्योंकि उनका कोई जारीकर्ता नहीं है. वे निश्चित रूप से करेंसी नहीं हैं.आरबीआई प्राइवेट क्रिप्टो करेंसी का कड़ा विरोध कर रहा है, क्योंकि वे राष्ट्रीय सुरक्षा और वित्तीय स्थिरता पर प्रभाव डाल सकते हैं।

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने बजट भाषण में कहा कि सीबीडीसी की शुरुआत से डिजिटल इकोनॉमी को बड़ा बढ़ावा मिलेगा. डिजिटल करेंसी से एक अधिक दक्ष तथा सस्ती करेंसी मैनेजमेंट सिस्टम वजूद में आएगी। डिजिटल करेंसी ब्लॉकचेन और अन्य टेक्नोलॉजी का उपयोग करेगी।
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