Techgyan: लिथियम आयन बैटरी (lithium ion battery) इस्तेमाल करने वाले इलेक्ट्रिक व्हीकल्स के प्रोडक्शन में तेजी की वजह से लिथियम की मांग बढ़ी है। लेकिन दुनियाभर में इसकी सप्लाई का संकट है। चीन के साथ मुकाबला करने के लिए पश्चिमी देशों में नई खदानें लाने की रेस चल रही है।
रॉयटर्स के मुताबिक, सर्बिया की सरकार ने गुरुवार को एंग्लो-ऑस्ट्रेलियाई खनन कंपनी रियो टिंटो पीएलसी (Rio Tinto Plc) के मालिकाना हक वाले एक प्रमुख लिथियम प्रोजेक्ट का लाइसेंस कैंसल कर दिया। ऑस्ट्रेलिया के इंडस्ट्री डिपार्टमेंट, US जियोलॉजिकल सर्वे, कंपनी की रिपोर्ट और क्रेडिट सुइस रिपोर्ट के आंकड़ों के आधार पर प्रमुख लिथियम माइन और लिथियम की सप्लाई पर कुछ तथ्य इस प्रकार हैं।
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मौजूदा वक्त में (lithium ion battery) लिथियम , हार्ड रॉक या नमकीन खदानों से निकलता है। हार्ड रॉक खदानों से प्रोडक्शन करने के साथ ऑस्ट्रेलिया दुनिया का सबसे बड़ा सप्लायर है। वहीं, अर्जेंटीना, चिली और चीन नमक की झीलों से इसका प्रोडक्शन कर रहे हैं।
ऑस्ट्रेलिया के इंडस्ट्री डिपार्टमेंट के अनुसार, लिथियम कार्बोनेट का कुल वैश्विक उत्पादन दिसंबर में 2021 में 485,000 टन था। 2022 में यह बढ़कर 615,000 टन और 2023 में 821,000 टन होने का अनुमान लगाया गया था। क्रेडिट सुइस का विश्लेषण है कि 2022 में लिथियम का प्रोडक्शन 588,000 टन और 2023 में 736,000 टन हो सकता है। लेकिन इसकी मांग ज्यादा रहेगी। ज्यादा मांग की वजह इलेक्ट्रिक व्हीकल के इस्तेमाल होने वाली बैटरी हैं।
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चीनी बैटरी मेकर्स की ओर से बढ़ी मांग के कारण लिथियम कार्बोनेट की कीमतें पिछले एक साल में रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गई हैं। दुनिया की टॉप 10 लिथियम प्रोड्यूसर में से एक ऑलकेम (Allkem) ने कहा है कि जून तक इसकी कीमत 20,000 डॉलर (लगभग 15 लाख रुपये) प्रति टन हो जाएगी।