रिपोर्टर-नितेश उनियाल/मसूरी : 2 अक्टूबर 1994 को मुजफ्फरनगर के रामपुर तिराहा में उत्तराखंड से दिल्ली जा रहे राज्य आंदोलनकारियों पर पुलिस द्वारा बर्बरता पूर्ण कार्यवाही किए जाने और महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किए जाने की 28 वीं बरसी पर आज शहीद स्थल झूला घर पर रामपुर तिराहा कांड में शहीद हुए राज्य आंदोलन को श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
इस मौके पर राज्य आंदोलनकारी प्रदीप भंडारी ने कहा कि मुजफ्फरनगर के रामपुर तिराहा में उत्तराखंड से दिल्ली जा रहे राज्य आंदोलनकारियों पर पुलिस द्वारा गोलियां बरसाई गई जिसमें कई लोग शहीद हो गए और महिलाओं के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया उन्होंने कहा कि चाहे भाजपा की सरकार हो या कांग्रेस की राज्य आंदोलनकारियों को न्याय नहीं मिल पाया है।
और आज भी मुजफ्फरनगर कांड के दोषी खुलेआम घूम रहे हैं उन्होंने कहा कि यह घटना उत्तराखंड को शर्मसार करने वाली है और आज सरकारी राज्य आंदोलनकारियों को भूलती जा रही है।
राज्य आंदोलनकारी कमल भंडारी ने कहा कि 27 सालों से उत्तराखंड की जनता न्याय की गुहार लगा रही है लेकिन अब तक मुजफ्फरनगर कांड के दोषियों को सजा नहीं हो पाई है उन्होंने कहा कि सरकार की कमजोर पैरवी के कारण आज उत्तराखंड के लोग न्याय को तरस रहे हैं उन्होंने उम्मीद जताई कि मुख्यमंत्री राज्य आंदोलनकारियों को न्याय दिलाने के लिए ठोस पहल करेंगे ।