HomeNational Newsअश्लील वीडियो कांड: SIT की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज

अश्लील वीडियो कांड: SIT की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट सोमवार को कर्नाटक सेक्स स्कैंडल वीडियो मामले में मुख्य आरोपित प्रज्वल रेवन्ना की मां भवानी रेवन्ना (Bhavani Revanna bail) की अग्रिम जमानत रद करने की मांग पर सुनवाई करेगा। कर्नाटक एसआईटी द्वारा दायर याचिका पर जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की पीठ सुनवाई करेगी। भवानी रेवन्ना को कर्नाटक हाई कोर्ट ने अपहरण मामले में जमानत दी थी।

एसआईटी ने दाखिल की याचिका

भवानी रेवन्ना को इस शर्त पर अग्रिम जमानत दी गई है कि वह मैसूर और हसन जिलों का दौरा नहीं करेंगी। इसके खिलाफ मामले की जांच कर रही एसआईटी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। एसआईटी की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने प्रस्तुत वाद में कहा है कि पीड़िता ने सीआरपीसी की धारा 164 के तहत दर्ज किए गए अपने बयान में अपने अपहरण में भवानी रेवन्ना की भूमिका का वर्णन किया है।

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भवानी रेवन्ना पर अपहरण का आरोप

भवानी रेवन्ना पर उस महिला का अपहरण करने का आरोप है, जिसके साथ प्रज्वल ने कथित रूप से यौन उत्पीड़न किया था। दावा है कि उसका अपहरण इसलिए किया था, ताकि उसे शिकायत करने से रोका जा सके।

वायु प्रदूषण नियंत्रण संबंधित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

उधर, सुप्रीम कोर्ट दिल्ली में वायु प्रदूषण नियंत्रण से संबंधित एक जनहित याचिका पर सोमवार को सुनवाई करेगा। जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस एजी मसीह की पीठ मामले की सुनवाई करेगी। पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने पराली जलाने वाले किसानों से नाममात्र का मुआवजा वसूलने पर चिंता जताई थी।

सुप्रीम कोर्ट लगा चुका फटकार

सुप्रीम कोर्ट ने पराली जलाने के मामले में एक भी मामला नहीं चलाने के बावजूद वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) को उसके निर्देशों को लागू करने के लिए कोई प्रयास नहीं करने के लिए फटकार लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद सीएक्यूएम ने हाल ही में एक निर्देश जारी किया, जिसमें पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के एनसीआर क्षेत्रों के जिलाधिकारियों को निष्क्रियता बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई का आदेश दिया था।

26 केंद्रीय टीमें होंगी तैनात

पंजाब और हरियाणा के हॉटस्पॉट जिलों में 26 केंद्रीय टीमों को तैनात करने का निर्णय लिया गया है, जो जिला स्तरीय अधिकारियों के साथ संपर्क बनाए रखेंगी। इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में वायु प्रदूषण के खतरे से निपटने के लिए सीएक्यूएम को ज्यादा सक्रिय होने की जरूरत है।

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