देहरादून, खबर न्यू इंडिया (न्यूज़ डेस्क) : राजधानी देहरादून के वार्ड-42 कांवली में इन दिनों यहाँ के क्षेत्रवासियों को बहुत ही बड़ी समस्या का सामना करना पड़ रहा हैं, समस्या का कारण हैं पॉश इलाके में डंपिंग यार्ड का बनना और सबसे बड़ी बात यह है की यहाँ पर जो कूड़ा डाला जा रहा हैं वो सिर्फ कूड़ा ही नहीं बल्कि बायोमेडिकल, होटल का कचरा, मृत जानवरों का वैस्ट, बूचड़खानों का कचरा आदि और भी तरह तरह का कूड़ा गाड़ियों में लाया जा रहा और यहाँ पर डंप किया जा रहा हैं।
क्षेत्रवासियों का कहना हैं की सबसे बड़ी बात ये हैं की जो गाड़ियां यहाँ पर कूड़ा डालने आती हाँ उनमे नगर निगम की गाड़ियां भी शामिल हैं, जिससे लोगो में भारी नाराजगी हैं। इतना ही नहीं यहाँ पर इस डंप कूड़े में दीवाली से पहले की आग लगी हुई है जिसका धुआं लोगो के घरो तक पहुँच रहा हैं जिससे निकलने वाली बदबू सभी को परेशान कर रही है. जबकि सरकार ने पूरे देहरादून नगर निगम क्षेत्र के कूड़े के निस्तारण की व्यवस्था बनायीं जिस पर लाखों करोडो रुपया खर्च किया जाता हैं, फिर भी आखिर कौन लोग हैं किसकी शह पर किसके इशारे पर यहाँ पर कूड़ा डंप कर रहे है. क्षेत्रवासियों का कहना है की जब हमने इनसे बात की तो इनका कहना था की हमे यहाँ कूड़ा डालने की परमिशन मिली हुई हैं, और आपके कहने से हम नहीं रुकेंगे. और चौंका देने वाली बात या सामने आयी की यहाँ पर सेलाकुई से भी लाकर कूड़ा डाला जा रहा है. सेलाकुई जहाँ पर सरकार ने कूड़े के निस्तारण की व्यवस्था बनायीं हुई हैं। अब इससे तो यही लगता हैं की देहरादून नगर निगम क्षेत्र का कूड़ा सेलाकुई जा रहा हैं और फिर वापस देहरादून के वार्ड-42 कांवली इलाके में डाला जा रहा है. और सबसे हैरान करने वाली बात ये हैं की जहाँ पर ये कूड़ा डाला जा रहा हैं एकदम उसी स्थान से लगते हुए यहाँ पर मंदिर भी हैं जहाँ पर इलाके के लोग सुबह शाम दर्शन के लिए आते हैं लेकिन उनको मिलता क्या हैं कूड़े की बदबू और बीमार होने का डर.
क्षेत्रवासियों ने बताया की हम इसकी शिकायत क्षेत्र की पार्षद से लेकर विधायक तक कर चुके हैं लेकिन इसका अभी तक कोई भी समाधान नहीं हो सका हैं, और बड़ी बात ये है की यहाँ से मात्र कुछ ही दूरी पर क्षेत्र की विधायक का भी आवास हैं, वही अब इस गंदगी के कारण किसी भी बीमारी के फैलने का डर लोगो को सता रहा हैं. लेकिन इसके बाद भी शासन प्रसाशन मौन बना हुआ हैं किसी भी तरह की कोई कार्यवाही नहीं की जा रही हैं.
अब बड़ा सवाल या हैं की अगर इलाके में कल के दिन कोई गंभीर महामारी फैली या कुछ भी अन्होनी हुई तो इसका जिम्मेदार कौन होगा ?