सीएम और विधानसभा अध्यक्ष के आश्वासन के बावजूद नहीं लौटाए गए नौकरी से हटाए गए कर्मचारी
देहरादून, उत्तराखंड जल संस्थान के कर्मचारियों ने 1 सितंबर के बाद बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है। यह चेतावनी उन 38 कर्मचारियों को नौकरी से हटाए जाने के विरोध में दी गई है, जो पिछले 25-30 सालों से पौड़ी डिवीजन के श्रीनगर, श्रीकोट और शक्तिविहार में कार्यरत थे। कर्मचारियों का आरोप है कि उन्हें बिना किसी ठोस कारण के विभाग और जैम पोर्टल के ठेकेदार ने नौकरी से निकाल दिया है।
अधिकारियों पर लगा आश्वासन दरकिनार करने का आरोप-
उत्तराखंड जल संस्थान के प्रदेश संरक्षक गणेश नाथ गोस्वामी ने उत्तरांचल प्रेस क्लब में एक प्रेस वार्ता के दौरान बताया कि इस समस्या को लेकर कई बार धरना-प्रदर्शन किए गए हैं।
प्रदेश महामंत्री मंगलेश लखेरा ने कहा कि करीब दो महीने पहले, संगठन ने विधानसभा अध्यक्ष से भी मुलाकात की थी। विधानसभा अध्यक्ष ने पेयजल सचिव से बात की, जिन्होंने कर्मचारियों को वापस काम पर रखने का आश्वासन दिया था। हालांकि, अधिकारियों ने इस आश्वासन पर कोई ध्यान नहीं दिया।
लखेरा ने आगे बताया कि जब संगठन ने मुख्य महाप्रबंधक कार्यालय में धरना शुरू किया, तो मुख्य महाप्रबंधक ने कार्यालय के गेटों पर ताले लगवा दिए और पुलिस बुलाकर कर्मचारियों को जबरन बाहर निकलवा दिया। उन्होंने कहा कि नौकरी से निकाले गए कर्मचारी पिछले दो महीनों से आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं। उनके बच्चों को बिना बिजली के पढ़ाई करनी पड़ रही है और परीक्षाएं देनी पड़ रही हैं।



