देहरादून। शिक्षक दिवस पर होने वाले कार्यक्रमों का बहिष्कार करते हुए, राजकीय शिक्षक संघ ने 5 सितंबर को मौन जुलूस और कैंडल मार्च निकालने का फैसला किया है। यह विरोध प्रदर्शन देहरादून, हल्द्वानी और श्रीनगर में आयोजित किया जाएगा।
राजकीय शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष राम सिंह चौहान ने एक पत्र जारी कर इस निर्णय की जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि शिक्षक अपनी विभिन्न मांगों को लेकर सरकार का ध्यान आकर्षित करना चाहते हैं, जिसके चलते उन्होंने शिक्षक दिवस को विरोध दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया है। इस दौरान शिक्षक मौन रहकर अपनी एकजुटता और असंतोष व्यक्त करेंगे।
यह पहला मौका नहीं है, जब शिक्षकों ने अपनी मांगों को लेकर इस तरह का विरोध प्रदर्शन करने का निर्णय लिया है। राज्यभर के शिक्षक लंबे समय से पुरानी पेंशन योजना की बहाली और अन्य सेवा संबंधी लाभों की मांग कर रहे हैं। इस मौन जुलूस के माध्यम से वे सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाना चाहते हैं और उम्मीद करते हैं कि उनकी मांगों पर जल्द ही विचार किया जाएगा।
इस कदम से शिक्षक दिवस के पारंपरिक उत्सवों में खलल पड़ सकता है, क्योंकि शिक्षकों का एक बड़ा वर्ग इस विरोध प्रदर्शन में शामिल होने की तैयारी कर रहा है।