गुवाहाटी। असम में अब बिना एनआरसी के आधार कार्ड नहीं बनेगा। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (himant biswa sarma) ने शनिवार को कहा कि असम में आधार कार्ड के लिए सभी नए आवेदकों को अपना एनआरसी आवेदन रसीद नंबर (एआरएन) जमा करना होगा। एक विस्तृत एसओपी तैयार की जाएगी और इसे एक अक्टूबर से लागू किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) की आवेदन रसीद संख्या जमा करने से अवैध विदेशियों पर रोक लगेगी। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘आधार कार्ड के लिए आवेदन जनसंख्या से अधिक हैं। हमने फैसला किया है कि नए आवेदकों को अपना एनआरसी आवेदन रसीद नंबर जमा करना होगा।’
अब पाकिस्तान और चीन की खैर नहीं! भारतीय सेना में शामिल हुए 297 कैडेट अधिकारी…
इन पर नहीं होगा लागू
उन्होंने कहा, ‘असम में आधार प्राप्त करना आसान नहीं होगा और उम्मीद है कि अन्य राज्य भी आधार कार्ड जारी करने में सख्ती बरतेंगे।’ सरमा ने कहा कि एआरएन जमा करना उन 9.55 लाख लोगों पर लागू नहीं होगा, जिनकी बायोमीट्रिक पहचान एनआरसी प्रक्रिया के दौरान लॉक हो गए थे। उन्हें उनके कार्ड मिलेंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चार जिलों ने उनकी कुल अनुमानित जनसंख्या की तुलना में आधार कार्ड के लिए अधिक आवेदन की सूचना दी है। ये जिले बारपेटा, धुबरी, मोरीगांव और नागांव हैं। वहीं, सरमा ने शनिवार को कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो राज्य सरकार सामने आए अवैध ऑनलाइन ट्रेडिंग घोटाले की सीबीआई जांच की सिफारिश करेगी।
‘कम हुईं उग्रवाद संबंधित घटनाएं’
इसे लेकर अब तक 59 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि राज्य में उग्रवाद संबंधित घटनाएं कम हुई हैं। उन्होंने असम में पुलिस स्टेशनों को और अधिक जन-केंद्रित बनाने की आवश्यकता पर भी जोर दिया।