
इस साल भी महंगाई से राहत मिलने की संभावना नहीं है। पिछले साल की तरह इस साल भी लोगों के लिए मकान (House) खरीदना आसान नहीं होगा। इसकी वजह मकान की कीमतों में वृद्धि का अनुमान है। पिछले साल भी देश के आठ शहरों में मकानों की कीमतों में 7 फीसदी तक की वृद्धि देखी गई है।
सीमेंट और इस्पात जैसे कच्चे माल की कीमतों में तेजी के कारण मकान की कीमतें बढ़ रही हैं। एक ताजा सर्वे में कहा गया है कि पिछले साल की तरह इस साल भी आम लोगों को मकान खरीदने के लिए पहले से ज्यादा जेब ढीली करनी होगी।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) और संपत्ति सलाहकार एनारॉक (Enarock) के सर्वे में कहा गया है कि कच्चे माल की कीमतों में वृद्धि को देखते हुए खरीदारों ने कीमतों में बढ़ोतरी का अनुमान जताया है। उपभोक्ता सर्वेक्षण में शामिल 55 फीसदी से अधिक खरीदारों ने साल 2022 में आवास कीमतों में वृद्धि का अनुमान जताया है।
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यह सर्वे जुलाई, 2021 और दिसंबर, 2021 के बीच किया गया. इसमें टियर-1, टियर-2 और टियर-3 श्रेणी के शहरों में 5,210 प्रतिभागियों ने विभिन्न डिजिटल मंचों के जरिये अपनी राय व्यक्त की है।
इसमें कहा गया है कि घरों की कीमतों में 10 फीसदी से कम की वृद्धि का प्रभाव ज्यादा नहीं होगा, लेकिन 10 फीसदी से अधिक की वृद्धि का खरीदार की भावना पर अधिक गहरा असर होगा।
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