
किसी को भुला देना आसान नहीं होता|वो चाहे यादों में हो या कानून के जरिए|जी हां सही पढ़ा कानून के जरिए भुला देना|दरअसल ये इंटरनेट की इस दुनिया से जुड़ी वो अहम प्रकिया या लीगल टर्म है जिसके बारे में बहुत से लोगों को पता नहीं होता|जिसे पता होता है वो ध्यान नहीं देते|जबकि ये इतना बड़ा मुद्दा है कि किसी छोटी या बड़ी गलती की सजा पाने वाला शख्स उसे पूरा करने के बाद कोर्ट से खुद को ‘भुला दिया जाने’ की मांग करने लगेगा|ये मामला बस इसी बेस पर टिका है कि आखिर एक गलती की सजा किसी को कब तक मिलती रहनी चाहिए?मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बॉलीवुड अभिनेता आशुतोष कौशिक भी खुद को भुला दिये जाने की इजाजत चाहते हैं|उनका कहना है कि इसका फैसला कोर्ट करे| दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi HC) में याचिका पर सुनवाई शुरु हो चुकी है और कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 1 अप्रैल की तारीख दी है|कौशिक चाहते हैं कि अदालत उन्हें ‘राइट टू बी फॉरगॉटेन’ यानी ‘भुला दिए जाने का अधिकार’ दे| अपनी अर्जी में उन्होंने कहा कि उनकी एक गलती का असर उनकी जिंदगी पर अब तक पड़ रहा है, जो उनसे करीब 14 साल पहले हुई थी|’भुला दिए जाने का अधिकार’ का साधारण मतलब ये है कि आपके बारे में जो भी व्यक्तिगत जानकारियां सार्वजनिक हैं उन्हें इंटरनेट से हटा दिया जाए|इस अधिकार को यूरोपीय संघ (EU) में तो मान्यता मिली है, हालांकि वहां भी पूरी तरह से ऐसा नहीं है| पर भारत के लिए ये बिलकुल नई बात है|जिला गाजियाबाद फेम एक्टर कौशिक कई फिल्मों में काम कर चुके हैं जिनकी अर्जी में लिखा है कि पुराने आर्टिकिल्स की वजह से उन्हें गहरा दुख और मनोवैज्ञानिक पीड़ा हुई है|वो चाहते हैं कि अदालत भारत सरकार, प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया, गूगल को ये आदेश दे कि वो ‘विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स से उनसे जुड़ा कंटेट हटा दे|उन्हें बहुत पहले शराब पीकर ड्राइव करते पकड़ा गया था|तब कोर्ट ने उनपर 2500 रुपये का जुर्माना लगाया और उनका ड्राइविंग लाइसेंस एक साल के लिए सस्पेंड कर दिया|अदालत ने उन्हें सारे दिन कोर्ट में ही रहने का भी आदेश दिया|ये घटना हेडलाइन बनी|जिससे जुड़ी वो सुर्खियां, तस्वीरें, वीडियो अभी तक इंटरनेट पर मौजूद हैं|