नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने बुधवार को कहा कि सीआईएसएफ की जल्द ही गठित होने वाली महिला बटालियन हवाई अड्डों और मेट्रो रेल जैसी देश की महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचों की सुरक्षा की जिम्मेदारी संभालेगी और कमांडो के रूप में वीआईपी को सुरक्षा प्रदान करेगी।
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प्रतिष्ठानों पर बल की बढ़ती तैनाती
केंद्र सरकार ने अति विशिष्ट व्यक्तियों, हवाई अड्डों और अन्य महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों पर बल की बढ़ती तैनाती को ध्यान में रखते हुए सीआईएसएफ में 1000 से अधिक कर्मियों वाली पहली पूर्ण महिला बटालियन को सोमवार को मंजूरी दी थी।
केंद्रीय गृह मंत्री ने दी जानकारी
शाह ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि राष्ट्र निर्माण के हर क्षेत्र में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के पीएम मोदी के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक मजबूत कदम उठाते हुए मोदी सरकार ने सीआईएसएफ की पहली पूर्ण महिला बटालियन के गठन को मंजूरी दे दी है।
महिलाओं की भागीदारी
गृह मंत्री ने कहा कि यह निर्णय निश्चित रूप से देश की रक्षा के महत्वपूर्ण कार्य में अधिक महिलाओं की भागीदारी की आकांक्षाओं को पूरा करेगा। सीआईएसएफ में सात प्रतिशत से अधिक महिला कर्मी हैं। महिला बल की कर्मियों की वर्तमान संख्या लगभग 1.80 लाख है।
वीआईपी की सुरक्षा से एनएसजी हटेगी
बता दें कि इससे पहले 16 अक्टूबर को केंद्र सरकार ने देश में आतंकी हमलों की धमकियों के चलते वीआईपी सुरक्षा से आतंकवाद रोधी कमांडो बल ‘एनएसजी’ को पूरी तरह से हटाने का आदेश जारी किया था। साथ ही अत्यधिक खतरे वाले नौ वीआईपी की सुरक्षा की कमान नवंबर महीने से केंद्रीय सुरक्षा बल (सीआरपीएफ) को देने का निर्णय किया।
सीआरपीएफ की वीआईपी सुरक्षाविंग
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हाल में संसद की सुरक्षा जिम्मेदारी से हटाई गई विशेष रूप से प्रशिक्षित जवानों की बटालियन को सीआरपीएफ की वीआईपी सुरक्षाविंग से संबद्ध करने का फैसला लिया है। सूत्रों का कहना है कि जेड प्लस श्रेणी की वीआईपी सुरक्षा वाले नौ वीआईपी की सुरक्षा अब तक राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) के ब्लैक कैट कमांडो कर रहे थे।
इनपर पर सबसे ज्यादा खतरा
इन नौ वीआईपी में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, बसपा सुप्रीमो मायावती, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, जहाजरानी मंत्री सर्बानंद सोनोवाल, छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम रमन सिंह, जम्मू कश्मीर के पूर्व सीएम गुलाम नबी आजाद, नेशनल कांफ्रेंस के नेता फारुख अब्दुल्ला और आंध्र के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू शामिल हैं।