HomeNational Newsदिल्ली के बाहर पहली बार गंगटोक में होगा सैन्य कमांडरों का सम्मेलन

दिल्ली के बाहर पहली बार गंगटोक में होगा सैन्य कमांडरों का सम्मेलन

सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने गुरुवार को गंगटोक (military commanders Conference) में सैन्य कमांडरों के सम्मेलन (एसीसी) की अध्यक्षता की। पहली बार यह आयोजन दिल्ली से बाहर रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थान पर हो रहा है। यह सम्मेलन हाइब्रिड प्रारूप में हो रहा है, जिसका पहला चरण गंगटोक में और दूसरा चरण 28-29 अक्टूबर को नई दिल्ली में आयोजित किया जाएगा।

सेना के अनुसार, इस सम्मेलन का उद्देश्य वर्तमान परिचालन तैयारियों की समीक्षा करना, महत्वपूर्ण रणनीतियों पर विचार-विमर्श करना और भविष्य के निर्देशों की रूपरेखा तैयार करना है। इस दौरान भारतीय सेना में राष्ट्रीय सुरक्षा और तकनीकी प्रगति पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। आगामी चरण में भविष्य को लेकर चर्चाएं जारी रहेंगी।

बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि देने की तैयारी

जबकि पूरा देश अरुणाचल प्रदेश में 1962 के भारत-चीन युद्ध के दौरान वालोंग की लड़ाई में लड़ने वाले बहादुर सैनिकों को श्रद्धांजलि देने की तैयारी कर रहा है, भारतीय सेना 62वें वालोंग दिवस के उपलक्ष्य में एक महीने तक चलने वाले स्मृति कार्यक्रमों की श्रृंखला शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार है।

यह आयोजन 17 अक्टूबर से शुरू होगा और 14 नवंबर तक चलेगा। इसमें देश की पूर्वी सीमा की रक्षा करने वाले नायकों की अदम्य भावना, बलिदान और साहस को याद किया जाएगा।

प्रमुख मुद्दों पर विचार-विमर्श होगा

रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार, सम्मेलन के पहले चरण में महत्वपूर्ण राष्ट्रीय सुरक्षा मुद्दों और भारतीय सेना की युद्ध क्षमताओं को तेज करने के उद्देश्य से रणनीतिक पहलुओं पर चर्चा होगी। इस दो दिवसीय सत्र के दौरान जिन प्रमुख मुद्दों पर विचार-विमर्श होगा, उनमें एक बहुआयामी राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति का बढ़ता महत्व शामिल होगा, जिसमें समकालीन खतरों का सामना करने के लिए नागरिक, सैन्य और राजनयिक स्तर की सूचना का समामेलन, सैन्य और आर्थिक (डीआईएमई) क्षेत्रों का एकीकरण शामिल है, इसके अलावा युद्ध क्षेत्र में तेजी से हो रहे बदलावों का मुकाबला करने के लिए कम लागत वाली प्रौद्योगिकियों और वैकल्पिक रणनीतियों को विकसित करने की आवश्यकता है।

भारतीय सेना द्वारा तकनीकी ज्ञान को आत्मसात करने के लक्ष्य के अनुरूप, वरिष्ठ सैन्य अधिकारी सैन्य शिक्षा में प्रौद्योगिकी के संचार सहित विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श करेंगे और ऐसे क्षेत्रों में विशेषज्ञों की भर्ती की संभावनाओं का पता लगाएंगे।

भू-राजनीतिक परिदृश्य पर चर्चा होगी

सम्मेलन के दूसरे चरण में उभरते भू-राजनीतिक परिदृश्य पर चर्चा होगी, जिसके बाद परिचालन मामलों पर विचार-विमर्श होगा और विभिन्न बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की बैठकें होंगी, जिसमें सेवारत सैनिकों, पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों की वित्तीय सुरक्षा के लिए कल्याणकारी उपायों तथा योजनाओं पर विचार-विमर्श किया जाएगा। वरिष्ठ सेना कमांडर सम्मेलन को चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान, नौसेना स्टाफ प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी और वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह भी संबोधित करेंगे।

 

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