देहरादून: गौरा देवी शिक्षक सम्मान समिति ने आज देहरादून में शिक्षकों को सम्मानित करने के लिए एक कार्यक्रम आयोजित किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और पूर्व राज्य मंत्री महावीर सिंह रावत थे। इस अवसर पर हरीश रावत ने शिक्षकों को आश्वासन दिया कि टीईटी परीक्षा के मौजूदा हालातों से किसी भी शिक्षक को नुकसान नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पहले से नियुक्त शिक्षक उस समय के नियमों के अनुसार नियुक्त किए गए थे।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और बच्चों द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना से हुई। इस दौरान महान दार्शनिक और भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जीवन पर प्रकाश डाला गया, साथ ही “चिपको वूमन” गौरा देवी के जीवन पर एक डॉक्यूमेंट्री भी दिखाई गई।
कार्यक्रम के संयोजक महेंद्र सिंह “नेगी गुरुजी” और अन्य शिक्षक संगठनों के पदाधिकारियों ने अतिथियों का स्वागत किया। हरीश रावत ने अपने संबोधन में गुरु के महत्व पर जोर दिया, यह बताते हुए कि एक गुरु ही अपने शिष्य को ईश्वर का ज्ञान कराता है। उन्होंने कहा कि जीवन में गुरु की कृपा के बिना पूर्णता संभव नहीं है। उनकी वाकपटुता ने शिक्षकों का दिल जीत लिया और उन्हें कई बार तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया।
आयोजन के संयोजक महेंद्र सिंह नेगी “गुरुजी” ने कहा कि शिक्षक हमारे जीवन में दीपक की तरह हैं जो हमें ज्ञान का प्रकाश दिखाते हैं। उन्होंने शिक्षकों को समाज और राष्ट्र के निर्माण के लिए एक आदर्श नागरिक तैयार करने वाला बताया।
कार्यक्रम में, उच्च प्राथमिक और अशासकीय माध्यमिक विद्यालयों के 400 से अधिक शिक्षकों को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया, जिनमें अंजना राणा, विजया शर्मा, धर्मेंद्र पंवार, शोभा जुगराण, रविंद्र भट्ट और अवधेश बहुगुणा जैसे नाम शामिल थे। शिक्षकों ने इस सम्मान समारोह के आयोजन के लिए महेंद्र सिंह नेगी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के प्रदेश संरक्षक सतीश घिल्डियाल ने किया।