पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) से लगे देपसांग और डेमचोक (Demchok) में टकराव खत्म करते हुए भारत और चीन ने सैनिकों को पीछे हटाने के बाद पैट्रोलिंग की शुरुआत कर दी है। सैन्य सूत्रों के अनुसार, भारतीय सेना ने शुक्रवार को डेमचोक के अग्रिम मोर्चे पर अपनी पैट्रोलिंग पार्टी के साथ गश्त शुरू की। देपसांग के इलाके में भी भारतीय सैनिकों की ओर से पैट्रोलिंग जल्द ही शुरू की जाएगी।
गतिरोध खत्म करने की दिशा में बड़ा कदम
एलएसी के इन दोनों अग्रिम मोर्चों पर करीब साढ़े चार साल तक भारत और चीन के बीच चले सैन्य टकराव के बाद पैट्रोलिंग की बहाली एलएसी गतिरोध खत्म करने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। सीमा पर तनाव घटाने की दिशा में आगे बढ़ने का संदेश देते हुए भारत और चीन के सैनिकों ने केवल पूर्वी लद्दाख ही नहीं अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम के इलाके के अग्रिम मोर्चों पर दीवाली के दिन लंबे अर्से बाद मिठाइयों का आदान-प्रदान किया।
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भारतीय सेना ने की गश्त
डेमचोक में साढ़े चार साल बाद फिर से पैट्रोलिंग की शुरुआत की पुष्टि करते हुए सैन्य सूत्रों ने कहा कि तय समझौते के मुताबिक भारतीय सेना ने गश्त की है। इस दौरान उन्हें किसी तरह के अवरोध का सामना नहीं करना पड़ा। भारत और चीन के बीच देपसांग और डेमचोक का टकराव खत्म करने के लिए हुए समझौते के तहत दोनों पक्षों को अपनी-अपनी पैट्रोलिंग की अग्रिम जानकारी एक-दूसरे से साझा करनी है।
12-15 सैनिकों ने की पैट्रोलिंग
भारतीय सैनिकों ने इसके अनुरूप ही शुक्रवार को करीब 12-15 सैनिकों के अपने गश्ती दल के साथ डेमचोक इलाके में अग्रिम मोर्चे तक जाकर पैट्रोलिंग की। भारतीय सेना का शुरू से रुख साफ था कि अप्रैल, 2020 से पूर्व की स्थिति इन दोनों जगहों पर सुनिश्चित करना ही समझौते की बुनियाद होगा। इसलिए माना जा रहा कि ताजा समझौते से इन दोनों इलाकों में साढ़े चार साल बाद पहले वाली स्थिति बहाल हुई है।
पैट्रोलिंग टीम में होंगे 15 सैनिक
देपसांग और डेमचोक का टकराव खत्म करने के लिए बनी सहमति के अनुसार, भारत और चीन अपनी पैट्रोलिंग टीम में अधिकतम 15 सैनिक ही रखेंगे। सूत्र ने यह भी बताया कि सैनिकों की वापसी के बाद एक-दूसरे की जानकारी का सत्यापन करने के उपरांत दिवाली के दिन भारत और चीनी सैनिकों के बीच देपसांग तथा डेमचोक सहित एलएसी के कुछ अन्य अग्रिम मोर्चों पर मिठाइयों का आदान-प्रदान हुआ। इन दोनों अग्रिम मोर्चों के अलावा एलएसी पर सभी पांच बार्डर-मीटिंग प्वाइंट पर भी मिठाई खिलाई गई। इसमें अरुणाचल प्रदेश में बुम ला और वाचा-किबिथु, लद्दाख में चुशुल-मोल्डो तथा दौलत बेग ओल्डी और सिक्किम के नाथू ला सहित कुछ अन्य जगह भी शामिल रहीं।
जारी रहेगी बातचीत की प्रक्रिया
एलएसी पर टकराव के अन्य मसलों के समाधान के लिए स्थानीय कमांडरों के स्तर पर दोनों देशों के बीच बातचीत की प्रक्रिया निरंतर जारी रहेगी। इस बीच, इटानगर में केंद्रीय संसदीय और अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरण रिजिजू ने अरुणाचल प्रदेश के बुम ला में भारतीय जवानों के साथ दिवाली मनाई। इस अवसर पर उन्होंने भारतीय सीमा के घटनाक्रम की सराहना की और एक्स पर पोस्ट में कहा, ‘चीनी सैनिकों से बातचीत करने और बुनियादी ढांचे देखने के बाद भारतीय सीमा के विकास पर अब हर किसी को गर्व का अनुभव होता है।’ एक अन्य ट्वीट में उन्होंने बताया कि दिन के समय तवांग सैन्य हेलीपैड पर दिवाली मनाई गई। हमारे बहादुर जवानों ने हमें गौरवांवित किया है और हम उनके आभारी हैं। उनकी प्रतिबद्धता और साहस के कारण ही हमारा देश सुरक्षित है।