पीएम नरेंद्र मोदी ने बताया कि उत्तराखंड सहित देश के हिमालयी राज्यों में ‘पर्वतमाला प्रोजेक्ट’ से बहुत फायदा होगा। कहा कि उत्तराखंड के सीमावर्ती गांवों में बुनियादी सुविधाओं का विकास होने के साथ ही सड़कों का जाल बिछाएगा जाएगा। इस प्रोजेक्ट से रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ, चमोली जिले में गोविंदघाट-घांघरिया समेत उत्तराखंड में 27 प्रोजेक्टों के धरातल पर उतरने की आस भी बढ़ी है। पर्वतमाला योजना से पहाड़ी राज्यों में ट्रांसपोर्टेशन के आधुनिक साधनों की व्यवस्था की जाएगी, ताकि ट्रांसपोर्टेशन आसान हो सके। पीएम मोदी ने कहा कि बॉर्डर एरिया डेवलपमेंट प्रोजेक्ट (बीएडीपी) पर विशेष फोकस किया गया है। केन्द्रीय बजट 2022 में ‘पर्वतमाला प्रोजेक्ट’ के ऐलान से उत्तराखंड में वर्षों से अटके रोपवे परियोजनाओं की राह खुल गई है। बजट घोषणाओं से प्रदेश में आधारभूत सुविधाओं को मजबूत करने की दिशा में बड़ी राहत मिली है। सार्वजनिक और निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल पर राष्ट्रीय रोपवे विकास कार्यक्रम चलाया जाएगा। पर्वतीय क्षेत्रों में सड़कों का निर्माण और रखरखाव की दिक्कतों को देखते हुए रोपवे प्रोजेक्ट शुरू किया जा रहा है। वर्ष 2022-23 में 60 किलोमीटर की लंबाई वाली कुल आठ रोपवे परियोजनाओं के अनुबंध किए जाएंगे।
उत्तराखंड के लिए क्यों खास होगा ‘पर्वतमाला प्रोजेक्ट’? पीएम मोदी ने बताई असली वजह
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