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हमारा लक्ष्य असहज सचाईयों को उजागर करना है,” कहते हैं फिल्म “द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल” के निर्माता जितेंद्र नारायण सिंह

देहरादून- जितेंद्र नारायण सिंह (वसीम रिज़वी) द्वारा निर्मित और सनो ज मिश्रा द्वारा निर्देशित जल्द ही रिलीज़ होने वाली फिल्म “द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल” ने अपने साहसी और बेबाक चित्रण के कारण पूरे भारत में एक गर्मागर्म बहस छेड़ दी है। यह फिल्म रोहिंग्या शरणार्थी संकट और बांग्लादेश से हो रही अवैध घुसपैठों को लेकर उठने वाले सवालों पर आधारित है।

                                   

फिल्म में अर्जिन मेहता और यजुर मारवाह मुख्य भूमिकाओं में हैं, और उनके साथ रामेंद्र चक्रवर्ती, गौरी शंकर, अवध अश्विनी, और आशीष कुमार भी महत्वपूर्ण भूमिकाओं में नज़र आएंगे। यह फिल्म पश्चिम बंगाल के दिल में जाकर ऐसे मुद्दों की पड़ताल करती है जिन्हें कई लोग अब तक वर्जित या राजनीतिक रूप से संवेदनशील मानते रहे हैं। इसका ट्रेलर लॉन्च होने के बाद, इसे खूब सराहना मिली है।

फिल्म एक ऐसे क्षेत्र की सजीव तस्वीर पेश करती है जो अपनी पहचान को लेकर संघर्ष कर रहा है, जहां अतीत की परंपराओं और आधुनिक समय की चुनौतियों के बीच सामाजिक ताना-बाना बिखरने के कगार पर है। फिल्म लव जिहाद जैसे विवादास्पद विषयों और सीमांत समुदायों द्वारा झेले जाने वाले कठोर वास्तविकताओं को उजागर करने में कोई झिझक नहीं दिखाती। िर्माता जितेंद्र नारायण सिंह (वसीम रिज़वी) कहते हैं, “हम यहाँ जनता को खुश करने के लिए नहीं हैं।

हमारा लक्ष्य असहज सचाईयों को उजागर करना है। ‘द डायरी ऑफ वेस्ट बंगाल’ राष्ट्र को इन मुद्दों से सीधे तौर पर निपटने के लिए जगाने वाली एक पुकार है।” निर्देशक सनो ज मिश्रा कहते हैं, “यह फिल्म सिर्फ एक कथा नहीं है; यह एक ऐसा दर्पण है जो पश्चिम बंगाल द्वारा झेले जा रहे सामाजिक परिवर्तनों और दबावों को प्रतिबिंबित करता है। हमने कठोर वास्तविकताओं को प्रदर्शित करने के लिए एक साहसी कदम उठाया है, और हम अपनी प्रस्तुति पर कायम हैं, क्योंकि कला को चुनौतीपूर्ण और उत्तेजक होना चाहिए।”

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