नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस. जयशंकर के इस्लामाबाद (S Jaishankar Pakistan Visi) पहुंचने से पहले ही पाकिस्तान की तरफ से भारत पर दबाव बनाना शुरू कर दिया है। पिछले दो दिनों के भीतर पाकिस्तान ने ना सिर्फ कश्मीर का मुद्दा उठाया बल्कि अपने मुल्क की राजनीतिक अस्थिरता को लेकर भी परोक्ष तौर पर भारत पर दोषारोपण करने की कोशिश की है।
वैसे भारत की तरफ से पहले ही यह स्पष्ट किया जा चुका है कि विदेश मंत्री जयशंकर की इस हफ्ते की पाकिस्तान यात्रा को दोनों देशों के संबंधों से जोड़ कर नहीं देखना चाहिए। इसके बावजूद शाहबाज शरीफ की सरकार की तरफ से उन मुद्दों को उठाने की कोशिश की जा रही है जो भारत को नागवार हैं।
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पाक ने अलापा कश्मीर राग
15-16 अक्टूबर, 2024 को होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) की बैठक में हिस्सा लेने के लिए रूस, चीन समेत कई विदेशी प्रतिनिधिमंडल पहुंचने लगे हैं। भारतीय विदेश मंत्री मंगलवार की सुबह बैठक में हिस्सा लेने वहां पहुंचेंगे।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री ईशाक दार ने इस्लामाबाद में संवाददाताओं से कहा कि पाकिस्तान के लिए गाजा के साथ ही कश्मीर भी प्राथमिकता वाला मुद्दा है। वह पीएम शरीफ की अगुवाई में कैबिनेट की बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में बता रहे थे। हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भारतीय विदेश मंत्री जयशंकर के साथ कोई द्विपक्षीय बैठक नहीं है।
क्या ध्यान भटका रहा पाकिस्तान?
एक दिन पहले दार ने प्रमुख विपक्षी दल पीटीआई और एक ‘पड़ोसी’ देश पर एससीओ बैठक को बाधित करने की साजिश रचने का आरोप लगाया था। भारत ने आधिकारिक तौर पर इन दोनों बयान पर कोई प्रतिक्रिया नहीं जताई। जानकारों का कहना है कि शरीफ सरकार आंतरिक चुनौतियों से ध्यान भटकाने के लिए इस तरह के बयान दे रही है।
दो दिन पाक में रुकेंगे जयशंकर
अभी पाकिस्तान प्रशासन कई तरह की चुनौतियों से जूझ रहा है। ना सिर्फ इमरान खान की पार्टी पीटीआई ने बड़ा आंदोलन शुरू कर दिया बल्कि खैबर पख्तूनख्वां में भी पश्तूनों ने बड़ा आंदोलन शुरू कर दिया है। विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि विदेश मंत्री जयशंकर 15 अक्टूबर को इस्लामाबाद पहुंचेंगे। दो दिन वहां रहेंगे। उनकी कुछ देशों के नेताओं से द्विपक्षीय बैठक भी होगी लेकिन पाकिस्तान के विदेश मंत्री के साथ किसी तरह की वार्ता नहीं होगी।
नौ साल बाद भारतीय विदेश मंत्री का दौरा
नौ वर्ष बाद भारत का कोई विदेश मंत्री पाकिस्तान की यात्रा पर जा रहा है। इससे पहले दिसंबर, 2015 में तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज एक बैठक में हिस्सा लेने इस्लामाबाद गई थीं। हालांकि तब स्वराज की तत्कालीन पीएम नवाज शरीफ से मुलाकात हुई थी और वहां के विदेश मंत्री से भी द्विपक्षीय वार्ता की थी।
कुछ हफ्ते बाद पीएम मोदी भी 25 दिसंबर, 2015 को शरीफ के घर शादी में पहुंचे थे। मगर इसके बाद दोनों देशों के रिश्तों में लगातार तनाव आ गया। बाद में पाक में स्थित आतंकी ठिकानों पर हवाई हमला भी किया था। अगस्त, 2019 में जम्मू व कश्मीर से अनुच्छेद 370 समाप्त होने के बाद रिश्ते और बिगड़ चुके हैं।