नई दिल्ली- 140 करोड़ से अधिक आबादी वाले भारत देश में जहाँ संपूर्ण देश प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के नेतृत्व में नित नई ऊँचाइयाँ छू रहा है। वहीं विकास की डगर पर चलते भारत देश में अनेकों चुनौतियां भी बढ़ रही हैं। इन्हीं चुनौतियों से निपटने के लिए भारत देश को वाह्य एवं आंतरिक रूप से मज़बूत बनाने के लिए मोदी सरकार प्रतिबद्ध है।
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यही वजह है कि आज प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत देश के प्रत्येक नागरिक को त्वरित और सुलभ न्याय उपलब्ध कराने के लिए गृह मंत्री अमित शाह तीन नए क़ानून लेकर आए हैं। जिसके आने के बाद से जहाँ 150 वर्ष पहले अंग्रेजों के बनाए क़ानून खत्म हो गए। इन नए कानूनों के ज़रिए जहाँ F.I.R लिखने से लेकर सुप्रीम कोर्ट में मामला जाने और फैसले में सिर्फ 3 साल के भीतर न्याय मिलेगा।
वहीं क्रिमिनल को भी 3 साल के भीतर सजा दी जाएगी। इतना ही नहीं इन नए आपराधिक कानूनों को आधुनिक बनाने के लिए तकनीक का बेहतर उपयोग, फ़ॉरेंसिंक विज्ञान की मदद, आपदा प्रबंधन, ब्लॉक चेन तकनीक का उपयोग, साइबर धोखाधड़ी इन सभी चुनौतियों से निपटने के लिए विकल्प तैयार किए गये हैं।
इसी कड़ी में देश की सुरक्षा प्रणाली को मज़बूत करने के लिए जहाँ नए आपराधिक कानूनों पर अमल की दिशा में सबसे पहले कम्प्यूटराइजेशन को पूरा किया गया है। साथ ही देश के 100% पुलिस स्टेशनों को कंप्यूटराइज्ड कर क्राइम एंड क्रिमिनल ट्रैकिंग नेटवर्क एंड सिस्टम्स (CCTNS) के साथ जोड़ने का काम पूरा हो चुका है, 22000 अदालतों को ई- कोर्ट के साथ जोड़ा जा चुका है
और ई-प्रिजन के तहत दो करोड़ से ज्यादा कैदियों का डाटा उपलब्ध है। ई- प्रॉसीक्यूशन से डेढ़ करोड़ से ज्यादा अभियोजन का डाटा उपलब्ध है और ई-फॉरेंसिक के माध्यम से 23 लाख से अधिक फॉरेंसिक रिज़ल्ट्स का डाटा भी उपलब्ध है। इंडीग्रेटेड मॉनीटरिंग ऑफ टेररिज़्म के अंतर्गत रजिस्टर्ड मामलों की मॉनीटरिंग के लिए 22000 आतंकवादी मामलों का डाटा भी उपलब्ध है। इसे और बेहतर एवं सुगम बनाने के लिए जहाँ इन आंकड़ों को और बेहतर किया जाएगा। साथ ही AI की मदद से भी अलग-अलग डेटा को सम्मलित कर उपयोग योग्य बनाने की दिशा में प्रयास होगा।