राकांपा-एसपी प्रमुख ने कहा कि प्रधानमंत्री का पद एक संवैधानिक पद है और ऐसा ही नेता प्रतिपक्ष का भी पद है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पीएम पद की प्रतिष्ठा बरकरार रखनी है। इसी तरह नेता प्रतिपक्ष को भी बराबर का सम्मान मिलना चाहिए।
स्वतंत्रता दिवस के दिन विपक्ष के नेता राहुल गांधी को आगे की सीट आवंटिन नहीं किए जाने पर एक नया विवाद खड़ा हो गया है। राकांपा-एसपी प्रमुख शरद पवार ने केंद्र को फटकार लगाई और लोकसभा में विपक्ष के नेता का सम्मान नहीं करने का आरोप भी लगाया। महाविकास अघाड़ी दल के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए शरद पवार ने कहा कि संविधान पर खतरा अभी भी टला नहीं है।
शरद पवार ने केंद्र को लगाई फटकार
शरद पवार ने कहा, “लोकसभा चुनाव में भाजपा को बहुमत नहीं मिला, लेकिन फिर भी संविधान पर खतरा अभी टला नहीं है। केंद्र ने लोकसभा में विपक्ष के नेता का सम्मान नहीं किया। उन्हें पीछे की कतार में बैठाया गया।” पवार ने बताया कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में जब वे नेता प्रतिपक्ष थे, तब स्वतंत्रता दिवस के दिन उन्हें कैबिनेट मंत्रियों के साथ बैठाया जाता था। उन्होंने आगे कहा कि जब मनमोहन सिंह प्रधानमंत्री थे, तब नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज को कैबिनेट रैंक की सीट आवंटित की गई थी।
राकांपा-एसपी प्रमुख ने कहा कि प्रधानमंत्री का पद एक संवैधानिक पद है और ऐसा ही नेता प्रतिपक्ष का भी पद है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पीएम पद की प्रतिष्ठा बरकरार रखनी है। इसी तरह नेता प्रतिपक्ष को भी बराबर का सम्मान मिलना चाहिए।
कांग्रेस ने जताई थी आपत्ति
कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी को पांचवीं लाइन में बैठाने को लेकर कांग्रेस ने कड़ी आपत्ति जताई है। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि नेता विपक्ष को स्वतंत्रता दिवस समारोह में पांचवी लाइन में बैठाकर नरेंद्र मोदी ने अपनी कुंठा दिखाई है, लेकिन इससे जननायक को फर्क नहीं पड़ता। वैसे भी छोटे मन के लोगों से बड़ी चीजों की उम्मीद करना बेमानी है।
सुप्रिया ने कहा कि आपके और आपकी सरकार के मन में लोकतंत्र और लोकतांत्रिक प्रक्रिया के लिए कोई सम्मान नहीं है। विपक्ष के नेता की रैंक कैबिनेट मंत्री के बराबर होती है। पहली लाइन में सारे मंत्री बैठे थे। सिर्फ राहुल ही नहीं, बल्कि मल्लिकार्जुन खरगे को भी पांचवीं लाइन में बैठाया गया था।