देहरादून: धर्मपुर चौक स्थित सिद्धपीठ प्राचीन श्री शिव मंदिर में इस वर्ष एक दिव्य और भव्य श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। मंदिर प्रबंधन ने आज एक प्रेस वार्ता में इसकी घोषणा की, जिसमें बताया गया कि यह आयोजन कई मायनों में विशेष होगा।
वार्षिक उत्सव के रूप में श्रावण मास की 20 तारीख से शुरू हुई शिव महापुराण ज्ञान यज्ञ 31 जुलाई को पूर्ण हुई। अब 13 अगस्त से 19 अगस्त तक प्रतिदिन दोपहर 2 बजे से 6 बजे तक श्रीमद्भागवत कथा का प्रवाह होगा। 20 अगस्त को सुबह 10 बजे से 12 बजे तक यज्ञ और पूर्ण आहुति के बाद विशाल भंडारे का आयोजन किया जाएगा।
भव्य कलश और शोभा यात्रा
श्रीमद्भागवत कथा के निमित्त 12 अगस्त, मंगलवार को सुबह 10 बजे एक विशाल कलश और शोभा यात्रा निकाली जाएगी। यह यात्रा मंदिर से शुरू होकर आराघर हनुमान मंदिर, हरिद्वार रोड, लखी रोड चौराहा, हरव्वाल चौक, फव्वारा चौक, राहुल देशी, चंचल स्वीट शॉप, एल.आई.सी. बिल्डिंग होते हुए वापस धर्मपुर चौक मंदिर में विश्राम लेगी।
इस यात्रा में 208 देवियां अपने मस्तक पर कलश धारण करेंगी, जिसमें गंगा सागर, पंच प्रयाग, गंगोत्री, यमुनासरी और सरस्वती का पवित्र जल होगा। यह माना जाता है कि इन देवियों के द्वारा धारण किए गए कलश से न केवल उनके परिवारों का उद्धार होगा, बल्कि जिन क्षेत्रों से यह यात्रा गुजरेगी, वे भी पवित्र हो जाएंगे।
इस वर्ष की शोभा यात्रा में धर्म-संस्कृति और पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने वाली कई झांकियां भी शामिल होंगी, जिन्हें बच्चों द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा। यात्रा में उत्तराखंड की संस्कृति पर आधारित झांकी, शिव बारात, नंदी बैल, भूत-प्रेत और देवी-देवताओं के नृत्य, और वृंदावन से आए कलाकारों द्वारा सुंदर मोर नृत्य विशेष आकर्षण होंगे।
भागवत का विशेष महत्व
इस वर्ष की भागवत कथा को विशेष बनाने वाले कुछ प्रमुख कारण बताए गए हैं। यह पंच व्यास भागवत होगी, जिसमें एक कुटुम्ब यज्ञ, छह आचार्य ब्राह्मणों द्वारा पूजा और भागवत जी के मूल पाठ के साथ-साथ सतसती, गायत्री, रुद्रिका और विष्णु सहस्रनाम का पाठ भी होगा। इस दौरान षडान पूजन, मंडल प्रवेश, वास्तु योगिनी, क्षेत्रपाल, नवग्रह, सर्वतोभद्र मंडल, प्रधान कलश पूजन और राधा-कृष्ण पूजन जैसे अनुष्ठान संपन्न होंगे।
कथा व्यास के रूप में अंतर्राष्ट्रीय ख्यातिलब्ध भागवत प्रभाकर स्वामी श्री मारूतीनन्दनाचार्य पूज्य श्री वागीश जी महाराज, पीठाधीश्वर आचार्य पीठ/भागवत पीठ वृंदावन से पधार रहे हैं। वृंदावन में चार व्यास पीठों में से एक, भक्त गुरुदेव व्यास महाराज जी की पीठ से होने के कारण भी इस भागवत को विशेष माना जा रहा है।
कामना और प्रार्थना
आयोजन का मुख्य उद्देश्य “सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामयाः” (सभी सुखी रहें, सभी रोगमुक्त रहें) की भावना को चरितार्थ करना है। इसके साथ ही, उत्तरकाशी में आई देवीय आपदा से प्रभावित लोगों की आत्माओं की शांति और उनके परिवारों को दुख सहने की शक्ति प्रदान करने के लिए भी प्रार्थना की जाएगी। यह भी कामना की गई है कि भविष्य में ऐसी कोई दुखद घटना न हो।
इस प्रकार, यह श्रीमद्भागवत कथा और कलश यात्रा न केवल धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि सामाजिक सद्भाव, पर्यावरण संरक्षण और पीड़ितों के प्रति संवेदना व्यक्त करने का एक मंच भी है।
कार्यक्रम में उपस्थित समिति के समस्त पदाधिकारी प्रधान श्री देवेन्द्रअग्रवाल, सीता राम भट्ट,दिनेश चमोली,श्री दीपक शर्मा, श्री मदन हुरला, श्री आत्मा राम शर्मा, श्री जय प्रकाश बंसल,श्री शरद शर्मा, श्री प्रमोद शर्मा तथा श्री सुनील कौशिक , सुचेत श्रीमती मंजू,शर्मिला अर्चना ठाकुर,अन्नू, संगीता खन्ना सुदेश आदि सम्मिलित हुए।