देहरादून, Dehradun Literature Festival (DDLF) ने अपने सातवें संस्करण की आधिकारिक घोषणा कर दी है। यह प्रतिष्ठित साहित्यिक समागम 14 से 16 नवंबर तक दून इंटरनेशनल स्कूल, सिटी कैम्पस में आयोजित किया जाएगा। इस वर्ष की थीम “वसुधैव कुटुंबकम – वॉइसेस ऑफ यूनिटी” (Vasudhaiva Kutumbakam – Voices of Unity) है, जिसका उद्देश्य विविधता के बीच एकता और संवाद को बढ़ावा देना है।
मुख्य आकर्षण: जस्टिस चंद्रचूड़, सीएम धामी और फिल्मी सितारे
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तीन दिवसीय इस भव्य आयोजन में साहित्य, राजनीति, न्यायपालिका, कला और सिनेमा जगत की कई दिग्गज हस्तियां शामिल होंगी:
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जस्टिस डी.वाई. चंद्रचूड़: वे दो विशेष सत्रों – “जस्टिस, डेमोक्रेसी एंड द आईडिया ऑफ़ इंडिया” और “वी द स्टूडेंट्स ऑफ़ इंडिया – ए डायलॉग ऑन डेमोक्रेसी” में भाग लेंगे।
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मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी: सीएम धामी लेखिका वेनू अग्रहरी धींगरा की पुस्तक ‘लीडिंग लेडीज – द न्यू वेव ऑफ फीमेल पॉलिटिशियंस इन इंडिया’ का लोकार्पण करेंगे और महिलाओं की राजनीतिक भूमिका पर संवाद करेंगे।
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साहित्य/कला: रस्किन बॉन्ड (ऑनलाइन कीनोट), शोभा डे, जया किशोरी, दिव्य प्रकाश दुबे, रूपा पाई, शोभा थरूर श्रीनिवासन।
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सिनेमा/संगीत: नंदिता दास, विशाल भारद्वाज, शेफाली शाह, आदिल हुसैन, लीना यादव, उषा उत्थप और मालिनी अवस्थी।
Dehradun Literature Festival का उद्देश्य: डिजिटल दुनिया से निकलकर मानवीय जुड़ाव-
DDLF के संस्थापक सम्रांत विरमानी ने बताया कि फेस्टिवल का उद्देश्य युवाओं को डिजिटल प्लेटफॉर्म (यूट्यूब/इंस्टाग्राम) से बाहर निकलकर विचारों, पुस्तकों और वास्तविक मानवीय जुड़ाव की दुनिया से जोड़ना है। इसी कारण इस वर्ष फेस्टिवल का प्रसारण किसी भी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर नहीं किया जाएगा, ताकि लोग भौतिक रूप से उपस्थित होकर साहित्य की आत्मा को महसूस कर सकें।
सम्रांत विरमानी के अनुसार, “DDLF संवाद, सहानुभूति और रचनात्मकता को प्रोत्साहित करने वाला मंच है। ‘वॉइसेस ऑफ यूनिटी’ के साथ, हम उन कहानियों की शक्ति का सम्मान कर रहे हैं जो लोगों को एक सूत्र में बांधती हैं।”

बाल दिवस पर बच्चों के लिए विशेष सत्र
उद्घाटन का दिन बाल दिवस के अवसर पर होने के कारण बच्चों के लिए विशेष सत्र आयोजित होंगे, जिनमें शामिल हैं:
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‘अबव राइम, बियॉन्ड रीजन’: शोभा थरूर श्रीनिवासन, रूपा पाई और वैषाली श्रोफ के साथ।
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‘कहानी जंक्शन’: दिव्य प्रकाश दुबे के साथ कहानियों के सृजन पर संवाद।
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‘अपना अपना नॉर्मल’: ‘तारे ज़मीन पर’ टीम के साथ आत्मस्वीकारिता पर चर्चा।
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इसके अतिरिक्त ‘टाइनी थिंकर्स’ और ‘कैरेक्टर लैब’ जैसी इंटरैक्टिव कार्यशालाएं भी होंगी।
उत्तराखंड राज्य के गठन के 25 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में, इस वर्ष फेस्टिवल में राज्य की समृद्ध संस्कृति पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। ‘साउंड ऑफ वीमेन – फोक म्यूजिक ऑफ उत्तराखंड’ (Sound of Women – Folk Music of Uttarakhand) के साथ-साथ अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ और देहरादून की लोक परंपराएं, संगीत और क्षेत्रीय संवादों को प्रदर्शित किया जाएगा।
इस वर्ष पहली बार ‘गार्डियंस ऑफ हिमालयाज अवॉर्ड’ की शुरुआत की जा रही है, जो पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में कार्यरत व्यक्तियों और संगठनों को सम्मानित करेगा।
Dehradun Literature Festival वार्षिक सम्मान-
फेस्टिवल में हर वर्ष दिए जाने वाले दो प्रतिष्ठित सम्मान भी प्रदान किए जाएंगे:
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‘शिवानी – आयरन लेडी ऑफ द हिल्स अवॉर्ड’ (प्रस्तुति: फ्रंटियर ज्वेलर्स)
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‘रसकिन बॉन्ड लिटरेरी अवॉर्ड’


