चमोली (प्रदीप लखेड़ा): बदरीनाथ धाम (Badrinath Dham) से लगे सीमांत गांव माणा के पास भीमपुल के निकट और माता सरस्वती मंदिर के समीप पंच पांडव और द्रोपदी की मूर्तियां इन दिनों सबके आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। सीमांत माणा गांव के पास पहले से ही व्यास गुफा, गणेश गुफा और भीमपुल श्रद्धालुओं के आस्था के केंद्र है।
अब स्वर्गारोहणी मार्ग पर पांडवों की मूर्तियां लगने से ये मार्ग और भी अधिक आकर्षण का के केंद्र बन गया है। मान्यता है कि उफनती सरस्वती नदी के वेग पर महाबली भीम द्वारा पुल के रूप में एक शिला रखी और उसके ऊपर से ही पांडव सरस्वती नदी को पार कर स्वर्गारोहणी गए थे।
आज भी इस स्थान का नाम भीमपुल है। यह भी मान्यता है कि पांडवों के साथ एक स्वान ने भी स्वर्गलोग तक का रास्ता यहीं से तय किया था और अंततः पांडवों में सबसे ज्येष्ठ भाई धर्मराज युधिष्ठिर और ये स्वान स्वर्ग तक पहुंचने में सफल हुए।
स्वर्गारोहणी मार्ग पर इन मूर्तियों को स्थापित करने का मुख्य उद्देश्य भी यही है कि इस पवित्र देवभूमि के रास्ते ही पांडवों को स्वर्ग की प्राप्ति हुई थी।