सावन के महीने में भगवान श्रीराम के परम भक्त और महान कवि तुलसीदास जी की जयंती मनाई जाती है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, गोस्वामी तुलसीदास का जन्म सन 1511 ईं. में हुआ था। उन्हें ‘रामचरितमानस’ के रचयिता के रूप में पहचाना जाता है। आइए लेख में जानते हैं तुलसीदास जी के जीवन से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें और उनके दोहे।
कब है तुलसीदास जयंती 2024?
पंचांग के अनुसार, इस साल तुलसीदास जयंती आज यानी 11 अगस्त को मनाई जा रही है। वहीं, सावन माह के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि 11 अगस्त को सुबह 05 बजकर 44 मिनट पर शुरू हो गई है। इसके साथ ही इस तिथि का समापन 12 अगस्त को 07 बजकर 55 मिनट पर होगा।
तुलसीदास के दोहे
‘तुलसी’ काया खेत है, मनसा भयौ किसान।
पाप-पुन्य दोउ बीज हैं, बुवै सो लुनै निदान।।
इस दोहे (Tulsidas Ke Dohe) के द्वारा तुलसीदास कहते हैं कि इंसान का शरीर एक खेत के समान है और मन इस खेत का किसान है। किसान जिस तरह से खेत में बीज बोता है। उसे अंत में वैसे ही फल मिलते हैं। इसी तरह अपने पाप या पुण्य का फल भी इंसान को उसके कर्मों के अनुसार ही मिलता है।
आवत हिय हरषै नहीं, नैनन नहीं सनेह।
‘तुलसी’ तहाँ न जाइए, कंचन बरसे मेह।।
इस दोहे का अर्थ है कि जिस व्यक्ति के घर में जाने पर घर के लोग आपको देखकर प्रसन्न न हों और जिनकी आंखों में प्यार न हो, तो ऐसे किसी भी इंसान के घर नहीं जाना चाहिए। चाहे वहां जाकर कितना ही लाभ क्यों न हो।
कौन थे तुलसीदास
तुलसीदास को संस्कृत और हिंदी भाषा का बेहद ज्ञान था। उन्हें प्रसिद्ध और सर्वश्रेष्ठ कवियों में एक माना जाता है। उनके पिता का नाम आत्माराम दुबे और माता का नाम हुलसी देवी था। उनकी पत्नी का नाम रत्नावली था। उनका जन्म उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में हुआ था।
तुलसी की रचनाएं
तुलसदस जी ने दोहावली, कवितावली, पार्वती मंगल, हनुमान बाहुक, रामलला और नहछू आदि अनेक कृतियां रचीं। उन्होंने अपने जीवनकाल के दौरान सत्य और परोपकार को सबसे बड़ा धर्म और त्याग को जीवन का मंत्र माना।