नितेश उनियाल/ मसूरी: उत्तराखण्ड राज्य के 21 वें स्थापना दिवस के उपलक्ष में आज यहाॅ लोक कलाकारों ने लोक संस्कृति के खूब रंग बिखेरे ढ़ोल जागर सम्राट पदम गुसांई ने ढ़ोल सागर की अनेक नौबत व ताल का वादन कर जन समूह को मंत्रमुग्ध कर दिया।
इस अवसर पर राज्य आन्दोलन में योगदान के लिए पत्रकार स्वः हरि सिंह गुनसोला की धर्मपत्नी बीना गुनसोला एवं ढ़ोल सागर जगार पंवाड़ों को आगे बढ़ाने के लिए ढ़ोल जागर सम्राट पदम गुसांई को शाल भेंट कर सम्मानित किया गया ।इससे पूर्व माँ सुरकण्डा की डोली शहीद स्थल प्रांगण में निकली, श्रद्धालुओं ने मां का आशीर्वाद लिया। पांच दिवसीय कार्यक्रम में सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ ही उत्तराखंड राज्य आंदोलन के शहीदों को भी श्रद्धा सुमन अर्पित किए गए ।
इस अवसर पर कार्यक्रम के संयोजक प्रदीप भंडारी ने कहा कि आज उत्तराखंड राज्य के शहीदों को जनप्रतिनिधि भूलते जा रहे हैं लेकिन उनके द्वारा समय-समय पर राज्य आंदोलनकारियों को याद किया जाता है और विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं उन्होंने बताया कि उन्हें कार्यक्रम आयोजित करने के लिए किसी प्रकार की सहायता प्रदान नहीं की गई है लेकिन उन्होंने निजी तौर पर यह कार्यक्रम आयोजित किया है ।