देहरादून: देवभूमि उत्तराखंड की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था एक बार फिर कटघरे में है। उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) की केंद्रीय महामंत्री एवं मीडिया प्रभारी किरन रावत ने इस व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाते हुए सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।
किरन रावत ने एक भावुक बयान में बताया कि एक सैनिक जहां सीमा पर देश की रक्षा कर रहा था, वहीं उसकी पत्नी अपने बीमार बच्चे को इलाज के लिए एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल भटकती रही। डॉक्टरों और अस्पताल प्रबंधन की बेरुखी के चलते समय पर इलाज नहीं मिल पाया, जिससे मासूम बच्चे की मौत हो गई।
“यह सिर्फ मौत नहीं, एक सिस्टम की हत्या है” – किरन रावत
रावत ने कहा, “यह घटना किसी फिल्म की कहानी नहीं, बल्कि उत्तराखंड की सच्चाई है। नन्हे बच्चे की मौत किसी प्राकृतिक कारण से नहीं हुई, यह एक सिस्टम की हत्या है, जिसकी जिम्मेदार सरकार है।”
उन्होंने सवाल उठाया कि जब सरकार खुद को विकासशील कहती है तो फिर पहाड़ी क्षेत्रों में मूलभूत स्वास्थ्य सेवाएं क्यों नहीं मिल पा रही हैं?
यूकेडी की मांगें: हत्या का मुकदमा और मुआवजा-
उत्तराखंड क्रांति दल ने इस दुखद घटना के लिए जिम्मेदार अस्पतालों पर धारा 302 (हत्या) के तहत मुकदमा दर्ज करने की मांग की है। इसके साथ ही उन्होंने पीड़ित माता-पिता को तत्काल आर्थिक मुआवजा देने की भी अपील की है।