आज दिनांक 28 अक्टूबर 2024 को गोविन्द बल्लभ पन्त राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान, कोसी-कटारमल, अल्मोड़ा में सतर्कता जागरूकता सप्ताह की शुरूआत की गयी। दिनांक 28 अक्टूबर से 03 नवम्बर 2024 तक चलने वाले इस कार्यक्रम के माध्यम से जागरूकता निर्माण हेतु सभी हितधारकों को एक साथ लाने और भ्रष्टाचार मुक्त वातावरण बनाने का प्रयास किया जायेगा।
कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. जे.सी. कुनियाल ने सबको वर्ष 2024 की सतर्कता जागरूकता थीम ‘सत्यनिष्ठा की संस्कृति से राष्ट्र की समृद्धि’ से अवगत कराया और संस्थान के समस्त अधिकारियों, कर्मचारियों और शोधार्थियों को सत्यनिष्ठा की प्रतिज्ञा दिलायी। इस अवसर पर संस्थान के निदेशक प्रोफेसर सुनील नौटियाल ने अवगत कराया कि केन्द्रीय सतर्कता आयोग के निर्देशानुसार सतर्कता जागरूकता सप्ताह प्रतिवर्ष सरदार बल्लभ भाई पटेल, जिन्हे उनकी अटूट अखंडता के लिए भारत के लौह पुरुष के रूप में जाना जाता है, के जन्म सप्ताह में मनाया जाता है। उन्होंने अवगत कराया कि संस्थान तथा इसके क्षेत्रीय केंद्रों में सतर्कता जागरूकता पर (16 अगस्त 2024 से 15 नवंबर 2024) तक तीन माह का अभियान भी चलाया जा रहा है, जिसके माध्यम से समाज के विभिन्न वर्ग के लोगों यथा स्कूली बच्चो इत्यादि को विभिन्न जागरूकता कार्यक्रमों द्वारा सतर्कता हेतु जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने सभी कर्मचारियों और शोधार्थियों से इस कार्यक्रम में अधिक से अधिक जुड़ने और अपने समस्त कार्य पूर्ण ईमानदारी एवं कर्तव्यनिष्ठा से करने की अपील की।
इस अवसर पर अधिवक्ता श्री रोहन कपकोटी द्वारा ‘सतर्कता जागरूकता की राष्ट्र की समृद्धि में भूमिका और इसके कानूनी पहलू’ विषय पर व्याख्यान दिया गया। अपने व्याख्यान में श्री कपकोटी ने केंद्रीय सतर्कता आयोग और इसके द्वारा भ्रष्टाचार उन्मूलन हेतु किये जा रहे विभिन्न क्रियाकलापों से सबको रूबरू कराया। उन्होंने अवगत कराया कि केन्द्रीय सतर्कता आयोग, भारत सरकार के विभिन्न विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों से संबंधित भ्रष्टाचार नियंत्रण की सर्वोच्च सांविधिक दर्जा प्राप्त संस्था है, जो समस्त केन्द्रीय सरकारी संगठनों को उनके सतर्कता कार्यों की योजना बनाने, उनका निष्पादन, समीक्षा और सुधार करने में अग्रणी भूमिका निभाता है। श्री कपकोटी ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 तथा इसमें वर्ष 2013 व 2018 में हुए संशोधनों, इसके 5 अध्यायों एवं 31 धाराओं और इसके नियम और दंड प्रावधानों से भी अवगत कराया, उन्होंने बताया कि वर्ष 2018 के संशोधन के उपरांत जम्मू कश्मीर में भी यह अधिनियम लागू हो गया है। श्री कपकोटी ने सबको सतर्कता आयोग अधिनियम 2003, इसके अधिकार तथा कार्यो और अन्य क़ानूनी गतिविधियों से भी अवगत कराया। कार्यक्रम का संचालन संस्थान के वैज्ञानिक डॉ. आशीष पांडेय द्वारा किया गया। इस कार्यक्रम में संस्थान के समस्त वैज्ञानिक, कर्मचारी और शोधार्थी उपस्थित रहे.