बॉलीवुड इंडस्ट्री की चर्चित जोड़ी ऋचा चड्ढा और अली फजल ने पिछले महीने अपने पहले बच्चे के रूप में बेटी का स्वागत किया। इसके तुरंत बाद नवजात की मौसियां शबाना आजमी, तन्वी आजमी, दीया मिर्जा और उर्मिला मातोंडकर उनसे मुलाकात करने पहुंचीं। इन खास पलों की खुशी को अब खुद शबाना आजमी ने साझा किया है। साथ ही बच्ची के लिए जावेद अख्तर के जरिए सुझाए गए नाम का भी खुलासा करती नजर आई हैं।
शबाना आजमी ने अपने हालिया इंटरव्यू में कहा, ‘हम सभी ढेर सारा प्यार नाम के एक ग्रुप का हिस्सा हैं। उस दिन, संध्या मृदुल, कोंकणा सेन शर्मा और विद्या बालन पार्टी का हिस्सा नहीं बनी थीं क्योंकि वे शहर में नहीं थीं। हम ऋचा के लिए बेबी शॉवर रखना चाहते थे, लेकिन ऐसा नहीं हो सका। तो, यह सिर्फ बच्चे को देखने का दौरा था। यह समूह एक परिवार की तरह है। जो आनंद आपको परिवार के साथ मिलता है वही आपको इस समूह में मिलता है।’
अनुभवी अभिनेत्री ने खुलासा किया कि उनके पति, लेखक और कवि जावेद अख्तर ने नवजात बच्ची के लिए एक नाम भी सुझाया था। शबाना ने साझा किया, ‘जावेद ने सुझाव दिया कि जोड़े को अपनी बच्ची का नाम ज्वाला अली रखना चाहिए। जब मैंने उनसे इसका कारण पूछा तो उन्होंने कहा कि ऋचा खुद एक फायर ब्रांड हैं, उनकी बेटी का भी वैसा ही नाम होना चाहिए। लेकिन उन्होंने उसे पहले ही एक सुंदर नाम दे दिया है।’
शबाना आजमी ने अपनी बात को जारी रखते हुए आगे कहा, ‘अली ऋचा का बहुत समर्थन करते हैं और अपनी बेटी से काफी प्रभावित हैं। मुझे नहीं लगता कि वह इस समय उससे परे कुछ भी देख सकते हैं।’ शबाना ने यह भी साझा किया कि ऋचा चड्ढा एक मां के रूप में कैसी हैं। अनुभवी अभिनेत्री ने जोड़ा, ‘बच्ची पूरे समय सो रही थी, किसी एंजल की तरह लग रही थी। मैंने टिप्पणी की कि कितनी शरीफ सी लग रही है, जिस पर ऋचा ने कहा, ‘ये सुबह जितनी शरीफ लगती है ना, वह आधी रात को इन आंखों को खोलती है और चिल्लाती हुई उठती है इसलिए, न तो अली और न ही मुझे एक पल की नींद मिल पाती है।’
शबाना आजमी को 73 की उम्र में पश्चिम बंगाल में टेक्नो इंडिया यूनिवर्सिटी द्वारा छठी डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित किया गया। इसे लेकर उन्होंने कहा, ‘मेरे लिए, यह एक सम्मान की बात है, लेकिन इस दीक्षांत समारोह के प्राप्तकर्ता अत्यधिक उपलब्धियों वाले लोग थे। उनमें से एक के तौर पर मुझे गिना जाना विनम्र था।’ अन्य पुरस्कार विजेताओं में पूर्व टेनिस खिलाड़ी लिएंडर पेस, संगीतकार शंकर महादेवन और लेखक-कवि गुलजार शामिल हैं।