नई दिल्ली। केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई (CBI) ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए एक ऐसे घोटाले (Scam) का खुलासा किया है, जिसका वास्ता सीधे तौर पर दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने से विभाग से है। दरअसल सीबीआई ने 11 अक्टूबर को एक एफआईआर दर्ज की है।
जिसके मुताबिक दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाले वन एवं वन्यजीव विभाग (Department of Forests and Wildlife) के द्वारा एक सरप्लस फंड को फिक्सड डिपॉजिट रिसीप्ट करने के नाम पर एक संदिग्ध बैंक एकाउंट में करीब 223 करोड़ रुपये ट्रांसफर किया गया था, लेकिन हैरान करने वाली बात यह थी कि जिस एकाउंट में उस पैसे को ट्रांसफर किया गया था, वो बैंक एकाउंट ही फर्जी था।
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सीबीआई अधिकारी के मुताबिक, राइड मैनेजमेंट बोर्ड फंड के बैंक खाते में 223 करोड़ की रकम को एफडीआर करना था, लेकिन उस पैसे को एक गलत बैंक एकाउंट वाले नंबर (Bank Account No- 00980100028204) में ट्रांसफर कर दिया गया। इस मामले में सीबीआई ने कुछ विशेष सूत्रों से प्राप्त जानकारी और दस्तावेजों के आधार पर एफआईआर दर्ज की है, जिसमें अपराधिक साजिश रचने, धोखाबाजी, जालसाजी तथा सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों द्वारा अपराधिक कृत्य को अंजाम देने से जुड़ी धाराएं लगाई गई है।
शुरुआती तफ्तीश के दौरान कई महत्वपूर्ण सुराग मिले और उसी के बाद सीबीआई ने सेंट्रल दिल्ली के पहाड़गंज इलाके में स्थित बैंक ऑफ बड़ोदा के सीनियर ब्रांच मैनेजर एलए खान के खिलाफ नामजद मामला दर्ज किया है। सीबीआई जल्द ही इनसे इस मामले में विस्तार से पूछताछ भी करने वाली है। सीबीआई के द्वारा दर्ज एफआईआर में दिल्ली सरकार के अंतर्गत आने वाले वन एवं वन्यजीव विभाग के कई अज्ञात अधिकारियों सहित कई अज्ञात सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है।
सीबीआई द्वारा दर्ज एफआईआर में बताया गया है कि वन एवं वन्यजीव संरक्षण विभाग द्वारा 223 करोड़ की रकम को दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड के बैंक खाते में जमा करना था, लेकिन उसे एक फर्जी बैंक एकाउंट में ट्रांसफर कर दिया गया। लिहाजा अब इस मामले (Scam) में जांच एजेंसी यह पड़ताल करने में जुटी है कि आखिरकार किसके इशारे पर इस फर्जीवाड़े को अंजाम दिया गया था। क्या इस मामले में बैंक मैनेजर की ही मात्र भूमिका थी या वन विभाग और दिल्ली शहरी आश्रय सुधार बोर्ड के अधिकारियों की भी भूमिका थी।
सीबीआई मुख्यालय के अंतर्गत आने वाले एंटी करप्शन विभाग के तीन नंबर ब्रांच की टीम इस मामले की पड़ताल में जुट गई है। वहीं इस मामले को एसपी संतोष हड़ीमनी के नेतृत्व में भी तफ्तीश की जा रही है।