नई दिल्ली। आने वाले दिनों में Insurance प्रोडक्ट्स महंगे होने के आसार हैं। क्योंकि बीमा नियामक संस्था IRDAI नॉन-लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों के लिए मैनेजमेंट खर्च (EoM) पर एक संशोधित एक्सपोज़र ड्राफ्ट लेकर आया है। इसके अंतर्गत जनरल इंश्योरेंस और स्टैंडअलोन हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों के मामले में क्रमशः EoM पर संशोधित 30% और 35% कैप का प्रस्ताव रखा है। भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (इरदाई) ने बीमा एजेंटों और बिचौलियों को कमीशन के भुगतान पर कैप हटाने का भी प्रस्ताव दिया है।
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इससे पहले 23 अगस्त को जारी एक्सपोजर ड्राफ्ट में नॉन-लाइफ और लाइफ Insurance कंपनियों के एजेंटों और बिचौलियों को दिए जाने वाले कमीशन पर 20% की निचली सीमा लगाने का प्रस्ताव था। वहीं, एक्सपोजर ड्राफ्ट में सामान्य बीमा कंपनियों के लिए ईओएम पर 30% कैप का प्रस्ताव दिया था।
IRDAI ने बीमा कंपनियों के लिए मैनेजमेंट एक्सपेंसेस (EoM) को सुव्यवस्थित करने के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं। अब भारत में सामान्य बीमा कंपनियों के लिए 30% और स्टैंडअलोन हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों के लिए 35% की सीमा तक ईओएम पर कैप का प्रस्ताव रखा है।
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ईओएम में बीमा कंपनियों के परिचालन खर्च, बीमा एजेंटों और बिचौलियों को कमीशन और पुनर्बीमा पर कमीशन आदि खर्च शामिल होते हैं। ईओएम वर्तमान में नॉन-लाइफ इंश्योरेंस कंपनियों के लिए 20% से 37.5% की सीमा में हैं।
नये नियम 1 अप्रैल, 2023 से लागू होने की उम्मीद है, और उसके बाद तीन साल की अवधि के लिए लागू रहेंगे। IRDAI ने कहा, नियामक द्वारा शुरू किए गए/उठाए गए विभिन्न नियामक सुधारों का उद्देश्य बीमा पैठ बढ़ाना और उद्योग के लगातार हो रहे विकास को सुविधाजनक बनाना है।
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