देहरादून। सतपाल महाराज (Satpal Maharaj) ने मंगलवार को सहस्त्रधारा रोड स्थित पंचायती राज निदेशालय में पंचायती राज विभाग की समीक्षा बैठक के पश्चात मीडिया को जानकारी देते हुए कहा की हमारी एक महत्वाकांक्षी योजना है इसके तहत हम उत्तराखंड पंचायत यात्रा करने जा रहे हैं। पंचायत यात्रा प्रदेश के गांव-गांव में जाएगी। यात्रा का उद्देश्य लोगों को स्वच्छता एवं सफाई के प्रति जागृत करना और गांव की इनकम बढ़ाने के लिए के साथ-साथ उन्हें स्वावलंबी बनाने का है।
उन्होंने बताया कि 15वें वित्त आयोग से वर्ष 2022-23 के लिए पंचायत के सशक्तिकरण और अवस्थापना सुविधाओं के विकास के लिए प्रदेश को टाइट फंड से 263.35 करोड़ और अनटाइट फंड से 175.61 करोड रुपए प्राप्त हुए हैं, जबकि 2023-24 के लिए टाइट फंड से 267 करोड़ और अनटाइट फंड से 178 करोड़ की धनराशि केंद्र से प्राप्त हुई है।
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राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (RGSA) के अंतर्गत केन्द्र से वर्ष 2022-23 में 200 पंचायत भवनों के निर्माण की स्वीकृति प्राप्त हुई जिनमें से 34 पंचायत घरों का निर्माण किया जा चुका है और 166 भवन अभी निर्माणाधीन हैं। इसके अलावा 2023-24 के लिए 200 पंचायत भवनों के निर्माण की स्वीकृति मिलने के बाद वर्तमान में सभी निर्माणाधीन हैं।
जबकि अतिरिक्त कक्षों के निर्माण के लिए राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान (RGSA) से 2022-23 के लिए 100 कक्षों की स्वीकृति प्राप्त हुई है। इनमें से 14 का निर्माण पूर्ण किया जा चुका है और 86 निर्माणाधीन हैं। 2023-24 के लिए भी 100 कक्षों के निर्माण की स्वीकृति प्राप्त हुई और सभी निर्माणाधीन हैं। इसी प्रकार से राज्य सेक्टर से 2022-23 में 500 पंचायत घरों के निर्माण की स्वीकृति मिली, जिनमें से 378 पंचायत घरों का निर्माण पूर्ण किया जा चुका है और 122 निर्माणाधीन हैं।
वित्तीय वर्ष 2023-24 में भी राज्य सेक्टर से 250 पंचायत घरों की स्वीकृति प्राप्त हुई वह भी सभी निर्माणाधीन हैं। पंचायत मंत्री महाराज ने समीक्षा बैठक के बाद जानकारी देते हुए बताया कि 15वें वित्त आयोग से प्राप्त बजट को शत प्रतिशत खर्च किए जाने के अधिकारियों को कड़े निर्देश दिये गये हैं ताकि आगे भी पंचायतों के सशक्तिकरण के लिए केंद्र से राज्य को पर्याप्त पैसा मिल सके।
उन्होंने (Satpal Maharaj) ने बताया कि जनपद रुद्रप्रयाग 15वें वित्त का पैसा खर्च करने में सबसे पीछे रहा है जबकि हरिद्वार जनपद में पंचायत चुनाव के कारण बजट खर्च में कुछ विलंब हुआ है। दोनों जनपदों को 15वें वित से प्राप्त बजट शीघ्रता से उपयोग करने को कहा गया है।पंचायत मंत्री Satpal Maharaj ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि पंचायत भवनों के निर्माण में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए। पूरा बजट गांव के विकास पर खर्च होना चाहिए।
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ठोस अपशिष्ट का गांव के घर से ही निस्तारण करें ताकि जैविक खाद अलग बने और गांव में ही उसका उपयोग हो सके और प्लास्टिक वेस्ट है तो उसकी रीसाइकलिंग हो सके। उन्होंने कहा कि पंचायतों के ठोस अपशिष्ट के लिए कंपैक्टर लगे हैं और कूड़ा उठाने की गाड़ियों की भी व्यवस्था है। कुछ समस्या आई है कि कहीं कहीं गाड़ियां पहाड़ में नहीं चल पा रही हैं उसके लिए हमने निर्देश दिए हैं कि अनटाइट फंड से बड़ी गाड़ी ले सकते हैं।
समीक्षा बैठक में पंचायती राज निदेशक आनंद स्वरूप, संयुक्त निदेशक, अपर निदेशक सहित सभी जनपदों के डीपीआरओ और एएमए ने वर्चुअल भागीदारी की।