खंडवा। शासन-प्रशासन लगातार व्यवस्थाओं को लेकर बड़े-बड़े दावे करते नजर आता है। मगर जमीनी हकीकत इससे बिल्कुल अलग देखने को मिलती है। ऐसे ही खोखले दावों और अमावनीयता की तस्वीरें खंडवा जिले से सामने आई हैं। यहां परिजनों को मजबूरी में बच्चे का शव बाइक पर लेकर जाना पड़ा।
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एक तरफ मृतक के परिजनों को जिला अस्पताल से शव वाहन नहीं मिल रहा था, तो दूसरी तरफ निजी एंबुलेंस वाले ज्यादा रुपये मांग रहे थे। इसके बाद परिजन अपने बच्चे का शव बाइक पर ले जाने के लिए मजबूर हो गए। हालांकि, मीडिया के कैमरे में तस्वीरें कैद होते ही अस्पताल प्रबंधन हरकत में आया और उसने तत्काल पीड़ित परिजनों के लिए निजी संस्था का शव वाहन उपलब्ध कराया।
गौरतलब है कि, खंडवा के पिपलौद क्षेत्र के डेहरिया गांव के 4 साल के मासूम की इलाज के दौरान मौत हो गई। परिजन शव को अपने गांव ले जाने के लिए एंबुलेंस और शव वाहन के लिए भटकते रहे, लेकिन सरकारी एंबुलेंस वाले व्यवस्था नहीं होने की दुहाई देते रहे। गरीब आदिवासी परिजन के पास जो पैसा था. वह इलाज के दौरान खर्च हो गया।
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अब घर वापस जाने का पैसा ही नहीं बचा तो एंबुलेंस कहां से करते।आखिरकार परिजन बाइक पर ही बच्चे के शव को ले जाने के लिए निकले। अस्पताल में मौजूद मीडिया के कैमरे शुरू हुए तो आनन-फानन में अस्पताल वालों ने एंबुलेंस की व्यवस्था कराई।