Health Insurance Policy: आज के समय में बढ़ते स्वास्थ्य खर्चों के बीच हेल्थ इंश्योरेंस कराना बेहद जरूरी हो गया है। इससे आप भविष्य में आने वाले अनिश्चित खर्चे से बच सकते हैं। अगर आपने पहले से हेल्थ इंश्योरेंस करा रखा है, लेकिन आप अपनी बीमा कंपनी की तरफ से मिलने वाली सुविधाओं से संतुष्ट नहीं है तो आप पॉलिसी को किसी दूसरी बीमा कंपनी में भी पोर्ट करा सकते हैं।
बीमा पॉलिसी में भी अब पोर्ट कराने की सुविधा आ गई है। मतबल अगर आप किसी बीमा कंपनी की सेवाओं से पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं तो आसानी से दूसरी कंपनी में अपनी पॉलिसी को पोर्ट (बदल) करा सकते हैं। बीमा कंपनी बदलने की इस प्रक्रिया को पोर्टिंग कहते हैं। अक्सर कई लोग इंश्योरेंस पॉलिसी इसलिए पोर्ट कराते हैं, क्योंकि दूसरी कंपनी कम प्रीमियम ऑफर कर रही हैं। लेकिन पोर्ट कराने से पहले नई कंपनी के कवरेज, लिमिट और सब-लिमिट को अच्छी तरह से चेक कर लेना चाहिए।
अगर आप स्वास्थ्य बीमा (Health Insurance) पॉलिसी को पोर्ट कराते हैं, तो नई कंपनी आपकी प्रीमियम की रेट अपने हिसाब से तय कर सकती हैं। अगर आप हाई रिस्क कैटेगरी में आते हैं, तो हो सकता है नई कंपनी आपसे ज्यादा प्रीमियम वसूले। ऐसे में पोर्ट कराने से पहले आपको इसके बारे में जानकारी ले लेनी चाहिए और आपको एक नहीं बल्कि तीन-चार बीमा कंपनियों के प्लान की पूरी जानकारी जुटानी चाहिए।
अगर आपने पॉलिसी को पोर्ट कराने का मन बना लिया हो तो आपको पॉलिसी रिन्यू कराने से 45 दिन पहले इसकी प्रोसेस शुरू करनी होगी। आपके पास जिस कंपनी की बीमा पॉलिसी है, सबसे पहले उस कंपनी को जानकारी देनी होगी। इसके अलावा अपको जिस कंपनी में अपनी पॉलिसी पोर्ट करानी है उसकी जानकारी भी जुटानी होगी। आपको बिना ब्रेक लिए पॉलिसी रिन्यू कराना होगा। इसलिए पोर्टिंग प्रक्रिया शुरु होने पर 30 दिन की अनुग्रह अवधि मिलती है।