Thursday, March 30, 2023
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इस्लामाबाद HC का निर्देश, वकील की नियुक्ति को लेकर दिया जाए एक और मौका

पाकिस्तान की जेल में बंद भारतीय नौसेना के रिटायर्ड अधिकारी कुलभूषण जाधव (Kulbhushan Jadhav) के मामले में इस्लामाबाद हाई कोर्ट (Islamabad High Court) ने पाकिस्तान सरकार को फटकार लगाई है| कोर्ट ने पाकिस्तान सरकार को निर्देश दिया है कि वह इंटरनेशनल कोर्ट के फैसले के अनुसार कुलभूषण जाधव की मौत की सजा के खिलाफ अपील करने के लिए भारत को वकील नियुक्त करने का एक और अवसर दे|

13 अप्रैल तक वकील नियुक्त करने का मौका

इस्लामाबाद हाई कोर्ट (Islamabad High Court) ने भारत से कुलभूषण जाधव (Kulbhushan Jadhav) के लिए 13 अप्रैल तक कोई वकील नियुक्त करने को कहा ताकि पाकिस्तानी सैन्य अदालत द्वारा उन्हें दोषी ठहराए जाने और उन्हें सुनाई गई सजा की समीक्षा से संबंधित मामले में बहस हो सके|

अप्रैल 2017 में पाकिस्तानी अदालत ने सुनाई थी मौत की सजा

भारतीय नौसेना के 51 वर्षीय सेवानिवृत्त अधिकारी कुलभूषण जाधव (Kulbhushan Jadhav) को अप्रैल 2017 में जासूसी और आतंकवाद के आरोप में एक पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी| भारत ने जाधव तक राजनयिक पहुंच उपलब्ध न कराने पर पाकिस्तान के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) का दरवाजा खटखटाया था और जाधव की सजा को चुनौती दी थी|

इंटरनेशनल कोर्ट ने दिया था ये फैसला

दोनों पक्षों को सुनने के बाद हेग स्थित आईसीजे (International Court of Justice) ने जुलाई, 2019 में एक फैसला दिया था, जिसमें पाकिस्तान से कहा गया था कि वह कुलभूषण जाधव (Kulbhushan Jadhav) तक भारत को राजनयिक पहुंच उपलब्ध कराए और उनकी सजा की समीक्षा सुनिश्चित करे|

भारतीय वकील नियुक्त करना चाहती है भारत सरकार

इस्लामाबाद हाई कोर्ट (Islamabad High Court)  ने अगस्त 2020 में मुख्य न्यायाधीश अतहर मिनल्लाह, न्यायाधीश अमीर फारूक और न्यायाधीश मियांगुल हसन औरंगजेब की तीन सदस्यीय बड़ी पीठ का गठन किया था, जिसने बार-बार भारत से कुलभूषण जाधव (Kulbhushan Jadhav) के लिए पाकिस्तान से कोई वकील नियुक्त करने को कहा, लेकिन नई दिल्ली यह कहती रही है कि वह जाधव के लिए भारतीय वकील नियुक्त करना चाहती है, जिसकी मंजूरी दी जानी चाहिए|

पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल खालिद जावेद खान की दलीलें सुनने के बाद कोर्ट ने भारत से जाधव के लिए 13 अप्रैल तक वकील नियुक्त करने को कहा| जावेद खान ने अदालत से कहा कि भारत जानबूझकर मामले में देरी कर रहा है ताकि उसे आईसीजे के दरवाजे पर दस्तक देने का मौका मिल सके और शिकायत की जा सके कि पाकिस्तान जाधव को समीक्षा का अवसर प्रदान करने के अपने फैसले का उल्लंघन कर रहा है|

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