Khatu Shyam : बाबा श्याम के भक्तों के लिए अच्छी खबर है, भक्तों की दर्शनों की राह सुगम होने के बाद अब श्याम मंदिर भी नए लुक में नजर आएगा। मंदिर को नया लुक देने को लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है। मंदिर कमेटी के अनुसार 3.5 लाख स्क्वायर फीट में मकराना के सफेद संगमरमर से श्याम मंदिर को चमकाने की तैयारी है। मंदिर परिसर को भूकंपरोधी बनाने के लिए तह में कोटा स्टोन लगाया जाएगा।
सिरोही जिले के पिंडवाड़ा के 12 शिल्पकार पत्थरों को तराशने में जुटे हुए हैं। श्याम मंदिर को नया और अद्भुत लुक देने में लगभग 10 साल लगेंगे। आगामी दिनों में यहां लगभग 200 कारीगर लगाने की योजना है। मंदिर कमेटी कई सालों से मंदिर को नया लुक देने की तैयारी कर रही है, लेकिन काम पूरा नहीं हो पा रहा था। अब भक्तों की दर्शनों की राह सुगम होने के बाद Khatu Shyam मंदिर कमेटी मंदिर को नया लुक देने की ओर आगे बढ़ी है।
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मंदिर निर्माण कर चुके ये शिल्पकारश्याम मंदिर में काम करने वाले सिरोही जिले के पिंडवाड़ा के शिल्पकार देश के कई प्रसिद्ध मंदिरों में अपना हुनर दिखा चुके हैं। कारीगरों का नेतृत्व करने वाले अशोक कुमार ने बताया कि हमारे यहां के कारीगर अयोध्या के राम मंदिर सहित वृंदावन के प्रेम मंदिर, यूपी के ललितपुर के जैन मंदिर, एमपी सागर में जैन मंदिर आदि में नक्काशी का काम कर चुके हैं।
स्टोननिर्माण का काम आर्किटेक्ट स्नेहल पटेल की देखरेख में चल रहा है। मंदिर को पूर्णतया भूकंपरोधी बनाया जाएगा। भूकंप रोकने के लिए मंदिर के नीचे 2.5 लाख स्क्वायर फीट में कोटा स्टोन लगाया जाएगा आर्किटेक्ट पटेल स्वामी नारायण, पीतांबर दिगंबर मंदिर ही नहीं बल्कि अमरीका, कनाडा, यूके ऑस्ट्रेलिया में भी भव्य मंदिरों का खाका तैयार कर चुके हैं।
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श्याम मंदिर को नया लुक देने के लिए काम शुरू हो चुका है. 3.5 लाख स्क्वायर फीट एरिया नए लुक तैयार होगा। इसको बनाने में लगभग 10 साल लगेंगे। फिलहाल 14 लाइन में भक्तों के लिए दर्शन की व्यवस्था की गई है। इन 14 लाइनों में औसत रोजाना हजारों भक्त बाबा श्याम के दर्शन कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार रोजाना 40 से 50 हजार श्रद्धालु खाटूश्याम जी आ रहे हैं।
Khatu Shyam मंदिर की बनावट नागर शैली में होगी। यह शैली उत्तर भारत की स्थापत्य कला की शैली है। नागर शैली में मुख्य भूमि आयताकार होती है। जिसमें बीच में और दोनों और विमान होता है। जिसमें पूर्ण आकार तिकोना हो जाता है। मंदिर के सबसे ऊपर शिखर भी बनेगा।