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ब्यूरो। सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन के अनुसार, सोयाबीन और सूरजमुखी तेल का एक साल में 20-20 लाख मीट्रिक टन आयात बिना शुल्क किए किया जा सकेगा। कारोबारियों को यह छूट 25 मई, 2022 से 31 मार्च 2024 तक मिलेगी। सूत्रों का कहना है कि इम्पोर्ट ड्यूटी और सेस में इस कटौती से ग्राहकों के लिए खाने का तेल सस्ता हो जाएगा। सरकार ने यह फैसला ऐसे समय में लिया है जब देश में खाने के तेल की कीमतें पिछले दो साल में दोगुनी से भी ज्यादा बढ़ चुकी हैं।
सरकार ने सूरजमुखी और सोयाबीन तेल की कीमतों में कटौती के लिए इन दोनों तेल के आयात पर लगने वाली इम्पोर्ट ड्यूटी पूरी तरह खत्म कर दी है। साथ ही एग्रीकल्चर डेवलपमेंट के रूप में वसूले जाने वाले 5 फीसदी सेस को भी खत्म करने का फैसला किया है। इस कदम से आयातित खाद्य तेल की कीमत घट जाएगी और इसका सीधा फायदा खुदरा बाजार में उपभोक्ताओं को भी होगा।
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भारत दुनिया में खाद्य तेल का सबसे ज्यादा आयात करने वाले देशों में शामिल है। यहां कुल जरूरत का 60 फीसदी खाद्य तेल बाहर से ही मंगाया जाता है। इसमें भी सबसे ज्यादा हिस्सेदारी पॉम ऑयल और सोयाबीन की है। रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से काला सागर क्षेत्र से आयात पूरी तरह ठप हो गया और देश में खाद्य तेल का संकट आ गया। यही कारण है कि पिछले कुछ समय से तेल की कीमतों में लगातार उछाल आ रहा था। सरकार ने अब टैक्स कटौती करके कारोबारियों के साथ आम जनता को भी बड़ी राहत दी है।
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