देहरादून: ‘हृदयरोग मुक्त भारत’ अभियान के तहत राजपुर रोड स्थित एक होटल में कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला को Madhavbaug के संस्थापक और एम.डी. डॉ. साने ने अध्यक्षता की एवं उन्होंने अपने संबोधन में जीवनशैली रोग जैसे कि डायबिटीज, हृदय रोग, मोटापा, और रक्तचाप से निपटने में स्वस्थ जीवनशैली को सबसे ज़्यादा महत्व दिया। माधवबाग की विशेषज्ञता पर ध्यान देते हुए, डॉ. साने ने आयुर्वेदिक उपचार के कई प्राकृतिक और साइड-इफेक्ट फ्री तरीकों के बारे में बताया।
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डॉ. रोहित साने ने कहा कि भारत के अन्य शहरों के मुताबिक देहरादून के वातावरण में बहुत शुद्धता है , परंतु खान पान और जीवन शैली का बदलाव न सिर्फ देहरादून में बल्कि पूरे उत्तराखंड में हुआ है और ऐसे में यह आवश्यक हो जाता है कि हम अपने स्वास्थ्य का देख-रेख अच्छे से करें और अपने दैनिक आदतों में उन चीजों को शामिल करें जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बेहतर है।
15 से अधिक सालों का अनुभव होते हुए, माधवबाग (Madhavbaug) ने जीवनशैली रोगों से पीड़ित 10 लाख रोगियों का सफलतापूर्वक इलाज किया है। ‘हृदयरोग मुक्त भारत अभियान’ सेमिनार के माध्यम से डॉ. रोहित साने ने रोगों से बचाव के लिए लोगों को संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, और तनाव प्रबंधन को अपनी दिनचर्या में शामिल करने की सलाह दी। उनका मानना है कि, इन जीवनशैली परिवर्तनों की प्रोत्साहना के चलते मरीज़ों को न सिर्फ जीवनशैली रोगों से, बल्कि उनके लक्षणों से भी छुटकारा पाने का मौका मिलता है।
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माधवबाग (Madhavbaug) के आयुर्वेदिक उपचार प्राचीन ज्ञान और वैज्ञानिक शोध पर आधारित हैं और जब जीवनशैली विकसित होती है, वर्तमान चिकित्सा और आयुर्वेद के बीच समरसता बढ़ती है। इस समरसता की बदौलत जीवनशैली रोगों द्वारा पैदा की गई चुनौतियों का सामना करने का प्राकृतिक समाधान मिलता हैं ।
इस कार्यक्रम में आनंद स्वरूप (आईएएस ग्रामीण विकास एवं आयुष), अरुण कुमार त्रिपाठी (कुलपति उत्तराखंड आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय), आर.सती (परिसर निदेशक, उत्तराखंड आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय) एवं अन्य लोग मौजूद रहे।