पौड़ी। प्रदेश के मंत्री सतपाल महाराज (Satpal Maharaj) ने गुरूवार को कहा की पर्यटन, कृषि और बागवानी पहाड़ की रीढ़ है। हमें शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने की जरूरत है। होमस्टे में इस बात का ध्यान रखा जाय कि टौयलेट वेस्टर्न पैटर्न के अनुरूप बनें और उसमें स्प्रे-कागज रोल अनिवार्य रूप से हो ताकि पानी कम खर्च हो सके उक्त बात महाराज ने अपने गढ़वाल भ्रमण के पांचवें दिन सतपाल महाराज ने विकास भवन सभागार पौड़ी में सिंचाई विभाग के बाढ़ नियंत्रण और सुरक्षात्मक कार्यों तथा पंचायतीराज विभाग के पंचायत भवन निर्माण से संबंधित कुल 7 करोड़ 13 लाख 13 हजार की धनराशि के निर्माण कार्यो का शिलान्यास करते हुए कही।
कैबिनेट मंत्री महाराज (Satpal Maharaj) ने इस दौरान जनपद पौड़ी के विभिन्न विभागीय अधिकारियों के साथ विभागवार समीक्षा बैठक आयोजित करते हुए पहाड़ केन्द्रित कल्चर को बढ़ावा देने, शीतकालीन पर्यटन, बागवानी, कृषि के साथ-साथ सभी क्षेत्रों में नवोन्मेशी (इनोविटिव) प्रयासों से विकास कार्यों को संपादित करने के भी अधिकारियों निर्देश दिये।
उन्होने कहा कि स्थानीय जलवायु और धरातल के अनुरूप नये एक्सपैरिमेंट करते रहें। पहले प्रत्येक क्षेत्र में पायटल प्रोजेक्ट के तौर पर अलग तरह की विषयों को ट्राई करें तथा जिसमें सफलता मिलती है फिर उसको बड़े स्तर पर उत्पादित करें और स्थानीय उत्पादों की ब्राण्डिंग करें और उनको मार्केट उपलब्ध करवायें।
महाराज ने पेयजल संबंधित योजनाओं की समीक्षा करने के दौरान कहा कि जल निगम और जल संस्थान की आपसी मिसअन्डरस्टेडिंग की वजह से पेयजल की आपूर्ति और गुणवत्ता में किसी तरह की बाधा नहीं आनी चाहिए तथा जल जीवन मिशन के अंतर्गत प्रत्येक व्यक्ति और परिवार को प्रतिदिन मानक अनुरूप 55 लीटर प्रति व्यक्ति 24 घंटे पानी उपलब्ध कराने की कोशिश करनी चाहिए। इसके लिए नये स्त्रोतों के जीर्णोद्वार और उनकी टैपिंग करने की जरूरत है।
महाराज ने पंचायत और ग्राम्य विकास विभाग की समीक्षा करते हुए कहा कि हम पंचायतों को उनको 29 विषयों को हस्तांतरित करने की कार्यवाही तेजी से कर रहे हैं। पंचायतों को विभिन्न विषयों के हस्तांतरण की कार्यवाही को जिला पंचायत, क्षेत्र पंचायत और ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों के साथ-साथ जिला प्रशासन के प्रतिनिधि के समन्वय से पूरा करने किया जाये।उन्होने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि पंचायतों में भी कूड़ा घर से ही सैगरीगेट (पृथक-पृथक चाहे रिसाईकल करना हो अथवा खाद बनानी हो) हो, इसके लिए पर्याप्त कंपैक्टर और जरूरी संसाधन उपलब्ध करवाये जाय।
उन्होने पर्यटन, कृषि और बागवानी को पहाड़ की रीढ़ बताते हुए कहा कि हमें शीतकालीन पर्यटन को बढ़ावा देने की जरूरत है। होमस्टे में इस बात का ध्यान रखा जाय कि टौयलेट वेस्टर्न पैटर्न के अनुरूप बनें और उसमें स्प्रे-कागज रोल अनिवार्य रूप से हो ताकि पानी कम खर्च हो सके। उन्होंने भवन निर्माण करते समय स्थानीय डिजाइन व नक्काशी को बढ़ावा देने तथा इस पारंपरिक कला में महारत हासिल लोगों को चिन्हित करते हुए उनसे निर्माण कार्य करवाने की भी अपेक्षा की।
उन्होंने स्थानीय मेलों-उत्सवों को बढ़ावा देने तथा उन तक पहुंच सुगम बनाने के लिए सड़क-कनेक्टिविटी में सुधार लाने, सड़क निर्माण करते समय अनिवार्य रूप से पानी की निकासी की व्यवस्था (साइड नाली) करने, सड़क किनारे वन्यजीवों की सुरक्षा के दृष्टिगत लगातार झाड़ियों की कटिंग और पेड़ों की लॉपिंग करते रहने के भी निर्देश दिये।
इस दौरान जिलाधिकारी गढ़वाल डॉ0 आशीष चौहान ने उन्हे आश्वस्त कराया कि उनके द्वारा दिये गये दिशा-निर्देशों के अनुरूप विभिन्न विकास कार्यों को संपादित किया जायेगा।शिलान्यास एवं विभागीय समीक्षा बैठक के दौरान पौड़ी विधायक राजकुमार पोरी, जिला पंचायत अध्यक्ष शांति देवी, वरिष्ट पुलिस अधीक्षक श्वेता चौबे, परियोजना निदेशक डीआरडीए संजीव कुमार राय, जिला विकास अधिकारी पुष्पेंद्र सिंह चौहान, अधीक्षण अभियंता जल संस्थान प्रवीन कुमार सैनी व पेयजल संजय सिंह सहित विभिन्न जनपद स्तरीय अधिकारी-कार्मिक व स्थानीय लोग उपस्थित थे।