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Uttarakhand Tourism Development Council की 22वीं बैठक में लिए गए कई महत्वपूर्ण निर्णय

Uttarakhand Tourism Development Council

देहरादून। उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद (Uttarakhand Tourism Development Council) की 22वीं बोर्ड बैठक में आज प्रदेश में पर्यटन और सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज की अध्यक्षता में हुई बैठक में पर्यटन को बढ़ावा देने और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उत्तराखंड को पर्यटन मानचित्र पर लाने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए।

इसके साथ ही पर्यटन विकास परिषद के ढांचे में कुल 94 अतिरिक्त पदों के सृजन का प्रस्ताव भी शासन को भेजने का निर्णय लिया गया। बैठक के पश्चात पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 हेतु पर्यटन विकास परिषद् की गतिविधियों को संचालित करने के लिए कुल रू0 55.00 करोड़ के बजट का प्रावधान किया गया है। इसके साथ ही पर्यटन विकास परिषद् के ढांचे में कुल 94 अतिरिक्त पदों के सृजन का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।

महाराज ने बताया कि बैठक में प्रदेश में पैराग्लाइडिंग, माउण्टेन टैरैन बाईकिंग, एडवेंचर समिट, स्कींईग चैम्पियनशिप, टिहरी झील महोत्सव, योग महोत्सव आदि के आयोजन का प्रस्ताव बोर्ड में रखा गया। इसके अलावा प्रिन्ट मीडिया, इलैक्ट्रोनिक मीडिया, सोशल मीडिया, पी0आर0 एजेन्सी, ट्रैवल मार्ट, रोड़-शो के माध्यम से राज्य के पर्यटन के प्रचार-प्रचार हेतु रू0 30.00 करोड़ की धनराशि का प्रावधान किया गया है।

पर्यटन मंत्री ने कहा कि हुनर से रोजगार योजना के अन्तर्गत कुकिंग, सर्विस, हाउस किपिंग, फ्रट ऑफिस आदि हेतु 200 व्यक्तियों को प्रशिक्षण देने का लक्ष्य रखा गया है। इसके साथ ही कैरावान टूरिज्म, चाय बगान टूरिज्म, होम स्टे टूरिज्म, नेचर गाइड आदि को प्रशिक्षण दिये जाने का निर्णय लिया गया। बैठक में ऋषिकेश में गंगा क्याक फैस्टिवल, टिहरी में कैनोइंग फैस्टिवल, बौर जलाशय में क्याकिंग चैम्पियनशिप, योग महोत्सव, छोटा कैलाश माउण्टेरिंग अभियान, पिंडारी में ट्रैक ऑफ-द इयर के साथ-साथ हाई एंड लो एल्टीटयूड ट्रैकिग ट्रेनिंग (High & Low altitude trekking training) के प्रस्ताव पर सहमति दी गयी।

Uttarakhand Tourism Development Council की बैठक में औली में पर्यटन गतिविधियाँ संचालित किये जाने हेतु रू0 1.50 करोड़ के मास्टर प्लान का प्रस्ताव किया गया। बैठक में कोविड-19 के दौरान लॉकडाउन के दृष्टिगत पी0पी0पी0 मोड में संचालित इकाईयों के किराये में माफी के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गयी। मसूरी स्थित जार्ज एवरेस्ट सड़क को डबल लेन करने, सतपुली कार पार्किंग निर्माण, कण्वाश्रम पुर्ननिर्माण, केदारनाथ धाम यात्री शेल्टर निर्माण, विभाग हेतु इलेक्ट्रिक वाहन का क्रय, पर्यटन मुख्यालय के परिसर की सुरक्षा हेतु टेण्डर किये जाने आदि विषयों पर निर्णय लिए गए।जो परियोजनाएं शुरु की जा चुकी है उसके बारे में भी परिषद की बैठक में चर्चा की गई।

बैठक में बताया गया कि नेशनल हाईवे लॉजिस्टिक मैनेजमेंट लिमिटेड के साथ हुये अनुबन्ध के तहत पंच कोटी से बौराड़ी, बलाटी बैंड से खलिया टॉप, ऋषिकेश से नीलकंठ, औली से गौरसौं तथा रानीबाग से हनुमान गढ़ मन्दिर के बीच रोपवे के लिये सर्वेक्षण आरम्भ कर दिया गया है। इसके अलावा केदारनाथ और हेमकुण्ड के लिये रोप-वे पर कार्य आरम्भ हो चुका है।

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बैठक में सचिव पर्यटन दिलीप जावलकर, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी पर्यटन पूजा गर्ब्याल, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (साहसिक विंग) कर्नल अश्विनी पुंडीर, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (इन्फ्रा) पी.के. पात्रो, केएमवीएन के प्रबंध निदेशक अतर सिंह, लोक निर्माण विभाग के अपर सचिव विनीत तोमर, ऊर्जा विभाग के उप सचिव प्रकाश चन्द्र जोशी, बोर्ड के सदस्य जगदीश चन्द्रा, बसंत सिंह बिष्ट, किशोर कुमार यादव, उत्तरा बिष्ट, मीरा रतूड़ी, यूटीडीबी के निदेशक (इन्फ्रा) ले. कमांडर दीपक खंडूरी, अपर निदेशक विवेक सिंह चौहान, अपर निदेशक व कार्याध्यक्ष पूनम चंद, उप निदेशक योगेंद्र कुमार गंगवार समेत पर्यटन व अन्य विभाग के अधिकारी मौजूद रहे।

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