Kedarnath Gold Controversy: केदारनाथ मंदिर में सोना लगाने को लेकर चल रहे विवाद पर उत्तराखंड सरकार को बड़ी राहत मिली है। गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय की जांच रिपोर्ट में श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (BKTC) को क्लीन चिट दे दी गई है। रिपोर्ट के अनुसार, बीकेटीसी ने न तो खुद सोना खरीदा और न ही गर्भगृह में अपने स्तर से इसे लगवाया था।
Kedarnath Gold Controversy को लेकर क्या था पूरा मामला?
केदारनाथ धाम के गर्भगृह को सोने से सजाने के बाद यह विवाद शुरू हुआ था। कुछ लोगों ने आरोप लगाया था कि सोने की जगह पीतल का इस्तेमाल किया गया है, और सोने की मात्रा में भी हेरफेर की गई है। इस पर सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफॉर्म पर काफी विवाद हुआ, जिसके बाद उत्तराखंड सरकार ने मामले की जांच के आदेश दिए थे।
जांच में क्या सामने आया?
गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय ने इस मामले की गहनता से जांच की। जांच रिपोर्ट में उन्होंने बताया कि मंदिर समिति ने केवल दानदाता को सहयोग दिया था, जिन्होंने अपनी इच्छा से गर्भगृह को स्वर्ण मंडित कराया था। बीकेटीसी ने इस पूरी प्रक्रिया में केवल एक सहायक की भूमिका निभाई।
जांच रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि सोने की खरीद या उसे लगाने की प्रक्रिया में किसी भी तरह की अनियमितता नहीं पाई गई है। यह रिपोर्ट सूचना के अधिकार (RTI) के तहत मांगी गई जानकारी के बाद सार्वजनिक हुई है।