देहरादून। रायपुर के खलंगा रिजर्व फॉरेस्ट में पेड़ों की कटाई होनी थी। यहां पेयजल परियोजना से संबंधित कुछ निर्माण होने थे। इसके लिए पेड़ों की निशानदेही भी कर दी गई थी। हालांकि, स्थानीय लोग इसके विरोध में थे, अब उत्तराखंड सरकार ने अपना फैसला बदल लिया है।
पर्यावरण प्रेमियों के भारी विरोध के चलते, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के आदेशों के बाद खलंगा रिजर्व फॉरेस्ट के पेड़ नहीं काटने का निर्णय लिया गया है। पेयजल निगम ने इस क्षेत्र को छोड़ दिया है और अब मालदेवता के निकट कनार काटा गांव में भूमि चिह्नित की गई है।
सौंग बांध की पेयजल परियोजना के लिए खलंगा रिजर्व फॉरेस्ट में पेड़ों पर निशान लगाए गए थे, जिसके बाद पर्यावरण प्रेमी विरोध में उतर आए थे। यहां करीब 2000 पेड़ काटे जाने थे।
भारी विरोध के बाद, पेयजल निगम ने इस जमीन पर अपना दावा छोड़ दिया है। मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद, पेयजल निगम ने अब देहरादून में कनार काटा गांव के स्थान को चिह्नित किया है। बताया गया है कि क्षेत्र में वन भूमि का हस्तांतरण जल्द किया जाएगा।