HomeNational Newsआत्महत्या करते युवाओं की संख्या ख़तरनाक उछाल पर

आत्महत्या करते युवाओं की संख्या ख़तरनाक उछाल पर

क़रीब डेढ़ साल पहले प्रयागराज में सिविल सेवा की तैयारी कर रहे एक युवक ने आत्महत्या कर ली थी|उस युवक का परिवार अब भी सदमे से उबरा नहीं है|उत्तर प्रदेश के बस्ती ज़िले के रहने वाले युवक के छोटे भाई मनोज चौधरी ने बीबीसी को बताया मेरा बड़ा भाई प्रयागराज में रहकर 2011 से यूपी-पीसीएस की तैयारी कर रहा था|परीक्षा पास नहीं करने की वजह से निराश था|परेशान होकर उसने आत्महत्या कर ली|उसे ऐसा नहीं करना चाहिए था|कुछ ऐसी की कहानी राजस्थान के धौलपुर में रह रहे युवक की है| युवक आयुर्वेद कंपाउंडर भर्ती की तैयारी कर रहा था|युवक के भाई मदन मीणा ने बताया, “हम पांच भाई हैं|वो सबसे बड़े थे परीक्षा में चयन न होने के कारण उन्होंने आत्महत्या कर ली| उन्होंने सुसाइड नोट में लिखा था कि राज्य सरकार ने भर्ती नहीं निकाली और वो बेरोज़गारी के कारण आत्महत्या कर रहे हैं|आत्महत्या की ऐसी कहानियाँ बेरोज़गारी की बढ़ती समस्या का इशारा दे रही हैं|बुधवार को राज्यसभा में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बताया कि बेरोज़गारी की वजह से 2018 से 2020 तक 9,140 लोगों ने आत्महत्या की है. साल 2018 में 2,741, 2019 में 2,851 और 2020 में 3,548 लोगों ने बेरोज़गारी की वजह से आत्महत्या की है| 2014 की तुलना में 2020 में बेरोज़गारी की वजह से आत्महत्या के मामलों में 60 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है|

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