HomeNational Newsकहा था गरीबी एक मनोस्थिति है", वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने राहुल गांधी...

कहा था गरीबी एक मनोस्थिति है”, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने राहुल गांधी पर बोला ‘हमला’

केंद्रीय वित्‍त मंत्री निर्मला सीतारमण को अपने बजट के लिए विपक्ष की तीखी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है और यह कहा जा रहा है कि बजट में उन्‍होंने देश के गरीब वर्ग की अनदेखी की|राज्‍यसभा में निर्मला सीतारमण आक्रामक तेवररों में नजर आई और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी पर निशाना साधा|निर्मला ने राहुल के वर्ष 2013 के उस कमेंट का जिक्र  किया जिसमें कांग्रेस सांसद ने कहा था कि गरीबी एक मनोस्थिति है| खाने की कमी, पैसा और भौतिक चीजों की कमी गरीबी नहीं हैं|यदि किसी के पास आत्‍मविश्‍वास है तो वह गरीबी दूर कर सकता है|’निर्मला ने कहा, ‘आपके पूर्व अध्‍यक्ष ने कहा था कि गरीब के मायने खाने की कमी, पैसा या भौतिक चीजों की कमी नहीं है यदि किसी के पास आत्‍मविश्‍वास है तो वह इससे पार पा सकता है|उन्‍होंने यह भी कहा था कि यह मनोस्थिति है| मैं उस शख्‍स का नाम नहीं ले रही लेकिन हम जानते हैं कि यह कौन है|’विपक्ष के सांसदों के शोरगुल के बीच निर्मला ने कहा, ‘कृपया स्‍पष्‍ट करिये |क्‍या यह ‘गरीबी है जिसका आप मुझसे जिक्र करना चाहिए हैं? गरीबी मनोस्थित होती है…”निर्मला ने आज उच्‍च सदन में आम बजट पर बहस का विस्तार से जवाब दिया|  एक सांसद द्वारा ये अमृतकाल नहीं, राहुकाल है’ का तंज कसने पर भी वित्तमंत्री ने कटाक्ष किया|उन्होंने कहा कि हमारा अमृतकाल आपका राहुकाल है|उन्होंने विपक्ष पर यूपीए काल के दौरान हुए कई बड़े घोटालों के लिए निशाना साधा और साथ ही पीएम मोदी सरकार के द्वारा लाई गई कई योजनाओं के बारे में भी विस्तार से जवाब दिया|यूपीए शासन के दौरान हुए बड़े घोटालोंकी चर्चा करते हुए निर्मला सीतारमण ने उसे देश के लिए राहुकाल बताया|उन्होंने कहा कि राहुकाल तब था, जब एक मौजूदा प्रधानमंत्री अमेरिकी राष्ट्रपति से मिलने वाले थे और उन्होंने जो विधेयक पारित किया था वह मीडिया के सामने फाड़ दिया गया था| राहुकाल वह है, जो G-23 कहलाता है|हमारा अमृतकाल, उनका राहुकाल है|पार्टी के वरिष्ठ नेता पार्टी छोड़कर बाहर निकल रहे हैं, यही राहु काल है| कोई आश्चर्य नहीं कि कांग्रेस पार्टी जो राहुकाल का सामना कर रही है, उसे 44 सीटें मिल रही हैं और वह इससे बाहर नहीं निकल पा रही है|वित्त मंत्री ने कहा कि केंद्रीय बजट 2022-23 कोविड-19 महामारी से जूझ रही अर्थव्यवस्था में स्थिरता लेकर आया है| उन्‍होंने कहा कि इस साल के बजट का मकसद स्थिर और स्थायी सुधार लाना था क्योंकि महामारी के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था को सबसे बड़ा नुकसान हुआ| भारत ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए 7.3 प्रतिशत की डी-ग्रोथ दर्ज की|चालू वित्त वर्ष 2021-22 में अर्थव्यवस्था के 9.2 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान है|

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments