
उत्तराखंड :भाजपा में कई दिनों सीएम के पद को लेकर चल रहा सस्पेंस आज खत्म हो गया।
चुनाव हारने के बावजूद पार्टी ने पुष्कर सिंह धामी पर एक बार फिर भरोसा दिखाया है। और उन्हें कमान सौंपे जाने का फैसला लिया है। धामी विधानसभा चुनाव हार गए थे। खटीमा विधानसभा सीट से धामी को करारी हार का सामना करना पड़ा है। उन्हें कांग्रेस के भुवन कापड़ी ने छह हजार से ज्यादा वोटों से हराया।
इससे पहले चुनाव से 6 महीने पहले ही उत्तराखंड के सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्रीपुष्कर सिंह धामी उत्तराखंड के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी 47 साल के धामी उत्तराखंड के सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री हैं । उत्तराखंड की खटीमा विधानसभा सीट से लगातार दो बार से विधायक बनते रहे हैं लेकिन इस बार चूक गए भगत सिंह कोश्यारी के करीबी माने जाने वाले धामी ने भाजपा की युवा इकाई से राजनीति की शुरुआत की थी और 2002 से 2008 तक भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रहे।युवकों के बीच मजबूत पकड़युवा मोर्चा का नेतृत्व संभालने के बाद उन्होंने प्रदेश भर में घूम-घूमकर यात्राएं की थीं और बेरोजगार युवाओं को एक साथ जोड़कर बड़ी रैलियां कर युवा नेता के रूप में अपनी अलग पहचान बनाई थी। प्रदेश में अगले साल की शुरुआत में ही चुनाव होने हैं ऐसे में युवाओं में उनकी पकड़ को देखते हुए बीजेपी ने उन पर भरोसा जताया है।
उत्तराखंड में बीजेपी की बहुमत के साथ जीत हुई। प्रदेश के इतिहास में पहली बार ऐसा होने जा रहा है कि कोई पार्टी लगातार दूसरी बार सरकार बनाएगी।
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