देहरादून: उत्तराखंड की पवित्र चारधाम यात्रा इस साल श्रद्धालुओं के लिए जानलेवा साबित हो रही है। यात्रा शुरू होने के मात्र 36 दिनों के भीतर अब तक कुल 83 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है, जो चिंता का विषय है। इनमें से 74 मौतें स्वास्थ्य खराब होने के कारण हुई हैं, जबकि 9 श्रद्धालुओं ने दुर्घटना या अन्य कारणों से दम तोड़ा है।
केदारनाथ धाम में सर्वाधिक मौतें!
मौतों के आंकड़ों में केदारनाथ धाम सबसे ऊपर है, जहां अब तक 38 श्रद्धालु अपनी जान गंवा चुके हैं। इसके बाद बद्रीनाथ धाम में 17, गंगोत्री धाम में 15 और यमुनोत्री धाम में 13 श्रद्धालुओं की मौत हुई है।
स्वास्थ्य समस्याओं और Altitude Sickness बनी है वजह-
विशेषज्ञों का मानना है कि अधिकांश श्रद्धालुओं की मौत का मुख्य कारण ‘ऑल्टीट्यूड सिकनेस’ (ऊंचाई पर होने वाली बीमारी) है। अत्यधिक ऊंचाई पर ऑक्सीजन की कमी और खराब स्वास्थ्य स्थिति वाले यात्रियों के लिए यह समस्या गंभीर रूप ले लेती है।
हालांकि, राज्य के स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि इस बार चारों धामों में पिछली बार से बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। इसके बावजूद, यह देखा जा रहा है कि 50 वर्ष से अधिक आयु के वे यात्री, जिन्हें पहले से ही स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं, वे जिद्द करके यात्रा पर निकल पड़ते हैं। ऐसे में ऊंचाई पर पहुंचने पर उनकी पुरानी स्वास्थ्य समस्याएं और भी गंभीर हो जाती हैं, जिससे इस तरह की दुखद घटनाएं होने की संभावना बढ़ जाती है। मरने वाले अधिकांश श्रद्धालु इसी श्रेणी के बताए जा रहे हैं, जिन्हें यात्रा पर निकलने से पहले ही किसी न किसी तरह की स्वास्थ्य समस्या थी।
प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग लगातार श्रद्धालुओं से अपील कर रहा है कि वे अपनी शारीरिक क्षमता और स्वास्थ्य स्थिति का आकलन करने के बाद ही यात्रा का निर्णय लें और यदि कोई स्वास्थ्य समस्या है तो डॉक्टरी सलाह अवश्य लें।