Lic: देश की सबसे बड़ी सरकारी बीमा कंपनी भारतीय जीवन बीमा निगम (Lic) अपने ग्राहकों को निवेश के लिए कई शानदार पॉलिसी उपलब्ध कराती है। LIC के पास हर उम्र के लोगों के लिए पॉलिसी उपलब्ध है LIC of India की कई ऐसी स्कीम हैं, जिसमें आप निवेश करके मोटा पैसा जमा कर सकते हैं।
ऐसी ही एक स्कीम है जीवन शिरोमणि योजना (LIC Jeevan Shiromani Plan)। इसे LIC ने 2017 में शुरू किया था। इसमें आप चार साल के लिए निवेश करके एक करोड़ रुपये का फंड जमा कर सकते हैं।
LIC की जीवन शिरोमणि स्कीम एक नॉन-लिंक्ड प्लान है. यह एक लिमिटेड प्रीमियम भुगतान मनी बैक बीमा स्कीम है। इसमें पॉलिसी लेने वाले को एक करोड़ रुपये की सम एश्योर्ड की गारंटी दी जाती है। इस स्कीम में आपको बचत के साथ सुरक्षा भी मिलेगी। इस पॉलिसी को खास तौर पर हाई नेटवर्थ वाले लोगों को ध्यान में रखकर बनाया गया है।इस स्कीम को कम से कम एक करोड़ रुपये के बेसिक सम एश्योर्ड के साथ लेना होता है।
LIC Calculator के मुताबिक 29 साल का कोई व्यक्ति अगर 20 साल के लिए यह पॉलिसी लेता है तो उसे पहले साल हर महीना टैक्स टैक्स सहित त 61,438 रुपये का प्रीमियम भरना होगा। वहीं, दूसरे साल से व्यक्ति को हर महीना 60,114.82 रुपये का प्रीमियम जमा करना होगा। मेच्योरिटी पर आपको 1,34,50,000 रुपये मिलेंगे।
इस स्कीम में पॉलिसी होल्डर्स को सरवाइवल बेनिफिट भी मिलता है। इसके अलावा पॉलिसी टर्म के दौरान पॉलिसी होल्डर की मौत होने पर एक निश्चित सम-इंश्योर्ड नॉमिनी को मिल जाता है। अगर पॉलिसी होल्डर की मृत्यु हो जाती है तो नॉमिनी को एक तय सीमा के बाद राशि का भुगतान किया जाता है। पॉलिसी के मैच्योर होने के बाद नॉमिनी को एकमुश्त राशि भी दी जाती है।
देहरादून: छात्रों के सपनों को साकार करने के 16 शानदार साल पूरे होने पर, देश की अग्रणी टेस्ट-प्रिपरेशन संस्था आकाश एजुकेशनल सर्विसेज लिमिटेड (AESL) ने अपने प्रमुख स्कॉलरशिप प्रोग्राम आकाश नेशनल टैलेंट हंट एग्ज़ाम Aakash ANTHE 2025 की शुरुआत की घोषणा की है। एंथे 2025 का उद्देश्य कक्षा 5वीं से 12वीं तक के छात्रों को भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करना और उन्हें बेहतरीन Problem Solver बनने के लिए सशक्त बनाना है। इस साल, छात्रों को ₹250 करोड़ तक की स्कॉलरशिप (100% तक) और ₹2.5 करोड़ तक के कैश अवॉर्ड्स जीतने का… Read more: Aakash ANTHE 2025 लॉन्च: ₹250 करोड़ तक की स्कॉलरशिप और ₹2.5 करोड़ के कैश अवॉर्ड का ऐलान
चमोली: उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2025 में चमोली जिले से एक चौंकाने वाला नतीजा सामने आया है। रानों जिला पंचायत सीट से पूर्व फौजी लक्ष्मण खत्री ने बड़ा उलटफेर करते हुए पूर्व कैबिनेट मंत्री राजेंद्र भंडारी की पत्नी और निवlर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी को करारी शिकस्त दी। इस मुकाबले में लक्ष्मण खत्री ने रजनी भंडारी को 479 वोटों से हराकर शानदार जीत दर्ज की। वहीं, बीजेपी के चमोली जिलाध्यक्ष गजपाल बर्तवाल भी चुनावी मैदान में पिछड़ गए और चौथे स्थान पर रहे। यह नतीजा राजनीतिक हलकों में बड़ी चर्चा का विषय… Read more: चमोली पंचायत चुनाव में पूर्व फौजी का बड़ा उलटफेर, पूर्व मंत्री की पत्नी रजनी भंडारी हारीं
पौड़ी। उत्तराखंड के युवाओं में जनसेवा और नेतृत्व की नई लहर देखने को मिल रही है। पौड़ी जिले के पाबौ ब्लॉक के कुई गांव की 22 वर्षीय साक्षी ग्राम प्रधान चुनी गई हैं। खास बात यह है कि साक्षी ने देहरादून से बीटेक (B.Tech) की पढ़ाई पूरी करने के बाद अपने गांव लौटकर राजनीति में कदम रखा। गांव में विकास की कमी को देखकर उन्होंने पंचायत चुनाव में उतरने का फैसला किया और आज गांव की जनता ने उन्हें प्रधान पद की जिम्मेदारी सौंप दी। साक्षी का कहना है कि वे अपने तकनीकी… Read more: पौड़ी के कुई गांव की 22 वर्षीय साक्षी बनीं ग्राम प्रधान, बीटेक करने के बाद गांव लौट कर चुनी गईं नेता
चमोली: गैरसैंण विकासखंड के अंतर्गत आने वाले आदर्श ग्राम सारकोट ने इतिहास रच दिया है। यहां की 21 वर्षीय प्रियंका नेगी सबसे कम उम्र की ग्राम प्रधान चुनी गई हैं। कम उम्र में यह बड़ी जिम्मेदारी मिलने के बाद प्रियंका ने पूरे क्षेत्र में युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई हैं। प्रियंका नेगी ने राजनीति शास्त्र में स्नातक (Graduation in Political Science) की पढ़ाई पूरी की है। उन्हें ग्राम पंचायत के विकास और पारदर्शिता को लेकर नई उम्मीद के रूप में देखा जा रहा है। उनके पिता राजेंद्र नेगी पहले भी… Read more: चमोली की प्रियंका नेगी बनीं सबसे कम उम्र की ग्राम प्रधान, महज 21 साल में संभाली जिम्मेदारी
देहरादून: देवभूमि उत्तराखंड की बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था एक बार फिर कटघरे में है। उत्तराखंड क्रांति दल (यूकेडी) की केंद्रीय महामंत्री एवं मीडिया प्रभारी किरन रावत ने इस व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाते हुए सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। किरन रावत ने एक भावुक बयान में बताया कि एक सैनिक जहां सीमा पर देश की रक्षा कर रहा था, वहीं उसकी पत्नी अपने बीमार बच्चे को इलाज के लिए एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल भटकती रही। डॉक्टरों और अस्पताल प्रबंधन की बेरुखी के चलते समय पर इलाज नहीं मिल पाया, जिससे मासूम बच्चे की… Read more: उत्तराखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था पर उठे सवाल, इलाज के अभाव में मासूम की मौत: यूकेडी ने सरकार पर लगाया हत्या का आरोप